
सिंगापुर। ड्रग तस्करी (Drug Smuggling) के एक मामले में आरोपी को फांसी (death sentence) के एक दिन पहले ही कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट आ गई। भारतीय मूल के एक व्यक्ति को बुधवार को फांसी होनी थी। फांसी के एक दिन पहले उसे एक अपीलीय अधिकारी के सामने पेश किया गया। इसी दौरान उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। कोरोना संक्रमित (Covid 19 positive) होने पर उसको फांसी दिए जाने पर अधिकारी पशोपेश में पड़ गए। सिंगापुर (Singapore) के इस सबसे चर्चित फांसी के केस में फांसी टाल दी गई। हालांकि, मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय नहीं है। सुनवाई जारी रहने तक फांसी नहीं हो सकती है।
दरअसल, भारतीय मूल के धर्मलिंगम (Dharmalingam) को मादक पदार्थ की तस्करी (Drug Smuggling) के अपराध में बुधवार को फांसी पर चढ़ाया जाना था। सिंगापुर में हेरोइन लाने के अपराध में भारतीय मूल के धर्मलिंगम को 2009 में अरेस्ट किया गया था। एक साल बाद यानी 2010 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। वह 2011 में उच्च न्यायालय में अपील किया लेकिन राहत नहीं मिलने पर सिंगापुर के शीर्ष अदालत में गया लेकिन 2019 में वहां से भी उसकी अपील खारिज हो गई। 2019 में ही राष्ट्रपति से भी राहत पाने में वह नाकाम रहा। यह मामला बीते दिनों इंटरनेशनल लेवल पर सुर्खियों में आया था।
मलेशिया के पीएम ने भी लिखी चिट्ठी
धर्मलिंगम के लिए मलेशिया के प्रधानमंत्री इस्माइल सबरी याकोब ने सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग को पत्र लिखा था। इसके अलावा मानवाधिकार संगठनों एवं वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचार्ड ब्रानसन ने इस मामले में उसे राहत दिलाने के लिए प्रयास भी किया था। इतना ही नहीं धर्मलिंगम को माफी देने की मांग संबंधी ऑनलाइन याचिका पर 70000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। लेकिन राहत नहीं मिल पा रहा था।
अपीलीय न्यायालय में पेश होने के दौरान आरोपी कोरोना पॉजिटिव
'न्यूज एशिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मलिंगम को उसके मृत्युदंड के विरूद्ध आखिरी अपील पर सुनवाई के लिए अपीलीय न्यायालय में लाया गया, लेकिन इसी दौरान न्यायाधीश ने अदालत में कहा कि धर्मलिंगम कोरोना संक्रमित पाया गया है। न्यायमर्ति एंड्रू फांग, न्यायमूर्ति जूदिथ प्रकाश और न्यायमूर्ति कन्नन रमेश की एक पीठ ने मामले की सुनवाई की है। रिपोर्ट आने के बाद बेंच ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए फांसी की सजा पर अमल नहीं कराया जा सकता है। जज फांग ने कहा कि यदि यह शख्स कोरोना संक्रमित हो गया है तो उसे फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता है। इसके बाद जज ने सुनवाई टाल दी है। अब सुनवाई की अगली तारीख तय नहीं है। ऐसे में सुनवाई जबतक चलेगी उसे फांसी नहीं दी जा सकती।
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