उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में भीड़ द्वारा तोड़े गए एक सदी पुराने मंदिर को मरम्मत के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया। जस्टिस अहमद ने प्रशासन को इस मंदिर का पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया था।
पेशावर। उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान (Pakistan) में भीड़ द्वारा तोड़े गए एक सदी पुराने मंदिर (Temple) को मरम्मत के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया। जस्टिस अहमद ने प्रशासन को इस मंदिर का पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया था। पिछले साल दिसंबर में खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के तेरी गांव में एक सदी पुराने श्री परमहंस जी महाराज मंदिर को जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के कुछ स्थानीय मौलवियों के नेतृत्व में भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। हमले के बाद चीफ जस्टिस ने अधिकारियों को मंदिर को ठीक कराने के साथ ही हमलावरों से मरम्मत के काम के लिए पैसा वसूलने के आदेश दिए थे। इस घटना से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
किसी को भी पूजा स्थल नष्ट करने का अधिकार नहीं : चीफ जस्टिस
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की खबर के मुताबिक सोमवार को चीफ जस्टिस अहमद ने दिवाली (Diwali-2021) मनाने और हिंदू समुदाय के सदस्यों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मंदिर में एक भव्य समारोह में शिरकत की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट (Pakistan supreme court) ने हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं और वह भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा। हिंदुओं को पाकिस्तान में अन्य धर्मों के लोगों के समान अधिकार प्राप्त हैं। सुप्रीम कोर्ट देश के अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित करेगा। किसी को भी किसी अन्य समुदाय के धार्मिक पूजा स्थल को नष्ट करने या नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है। इस अवसर पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने प्रधान न्यायाधीश को पगड़ी और कुरान की डिजिटल प्रति भेंट की। प्रधान न्यायाधीश को इस कार्यक्रम में पाकिस्तान हिंदू परिषद द्वारा आमंत्रित किया गया था, जिसने सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों के श्रद्धालुओं की भी मेजबानी की।
हमले के बाद 100 से अधिक लोग हुए थे गिरफ्तार
पुनर्निर्मित मंदिर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में संत, श्री परमहंस जी महाराज का है। इस मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी। पिछले महीने, शीर्ष अदालत ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार को धर्मस्थल में तोड़फोड़ करने में शामिल दोषियों से 1,94,161 डॉलर वसूली करने का भी आदेश दिया था। शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार इस घटना में शामिल 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता वाले सत्तारूढ़ दल तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार ने कहा कि अगर चार अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के उद्घाटन के लिए इसी तरह के कदम उठाए जाते हैं, तो इससे दुनिया में देश की छवि सुधारने में मदद मिलेगी।
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