
सिओल. साउथ कोरिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साल में मरने वालों की संख्या पैदा होने वालों से ज्यादा हो। यहां साल 2020 में 3.07 लाख लोगों की मौत हुई, लेकिन सिर्फ 2.75 लाख बच्चे ही पैदा हुए। साल 2019 की तुलना में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या में 10% की गिरावट दर्ज की गई है। साल 2020 के अंत में साउथ कोरिया की जनसंख्या 5,18,29,023 थी। पिछले साल की तुलना में 20,838 की कमी आई है।
साउथ कोरिया की जनसंख्या में गिरावट क्यों?
साउथ कोरिया एक औद्योगिक देश है। यहां पहले से ही बर्थ रेट दुनिया में सबसे कम है। यहां साल 2019 में बर्थ रेट 0.92 था। जबकि जरूरत 2.1 की है। साल 2019 के आंकडो़ं के मुताबिक भारत का फर्टिलिटी रेट 2.2 है।
गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोरिया की जनसंख्या का ग्रोथ रेट साल 2010 में 1.49% से घटकर साल 2019 में 0.05% पर आ गया। यह ट्रेंड लगातार जारी है। सरकार ने अनुमान लगाया कि जनसंख्या में ऐसे ही गिरावट होती रही तो अभी 5.18 करोड़ की जनसंख्या 2067 में घटकर 3.9 करोड़ पर आ जाएगी और 46 प्रतिशत लोग 64 साल से ऊपर के होंगे।
साउथ कोरिया में लो बर्थ रेट की वजहें क्या हैं?
साउथ कोरिया में लो बर्थ रेट के पीछे कई वजहें हैं, जिसमें से मैटेर्निटी लीव लेने में हिचक भी एक है। इसके अलावा जमीनों की बढ़ती कीमत भी एक वजह है, जिसकी वजह से नए कपल घर खरीद कर फैमिली शुरू करने से बचते हैं।
साउथ कोरिया में जन्म दर में गिरावट के पीछे महिलाओं के दफ्तर और घर की जिंदगी में तालमेल की कमी को भी वजह समझा जाता है।
एक सर्वे के मुताबिक, साल 2018 में साउथ कोरिया की 22% से अधिक महिलाओं (अविवाहित) का कहना था कि शादी करना जीवन का एक आवश्यक हिस्सा था, जबकि एक दशक पहले तक इनकी संख्या लगभग 47% था। यह बदलाव 1996 में 434,900 से पिछले साल 2020 में 257,600 में विवाह की संख्या में गिरावट को दर्शाता है।
साउथ कोरिया की सरकार ने इसके लिए क्या किया?
साउथ कोरिया की सरकार ने कहा है कि इस ट्रेंड को देखते हुए कुछ मूलभूत बदलाव की जरूरत है। दिसंबर में साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने घोषणा की थी कि परिवार शुरू करने के लिए कुछ रुपए दिए जाएंगे। यह स्कीम 2022 से शुरू होगी। इस स्कीम के जरिए बच्चा पैदा करने पर एकमुश्त 1.35 लाख रुपए दिए जाएंगे, जिससे उनकी आर्थिक मदद हो सकेगी। जब तक बच्चा एक साल का नहीं हो जाता, तब तक सरकार हर महीने लगभग 20,000 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करेगी। 2025 के बाद प्रोत्साहन को बढ़ाकर लगभग 34,000 रुपए कर दिया जाएगा।
क्या दुनिया की आबादी कम हो रही है?
जुलाई 2020 में एक मेडिकल जर्नल लैंसेट में कहा गया कि दुनिया की आबादी साल 2064 में 973 करोड़ लोगों के साथ शीर्ष पर होगी और फिर यहां से घटकर साल 2100 में 879 करोड़ हो जाएगी। वहीं भारत में जनसंख्या साल 2048 में 160 करोड़ के शिखर पर पहुंचने की उम्मीद है और 2100 में 32 प्रतिशत घटकर 109 करोड़ हो जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।