30 साल का गृहयुद्ध भी श्रीलंका को नहीं डिगा पाया, पर'कोरोना' ने कमाई के सबसे बड़े जरिया टूरिज्म की कमर तोड़ दी

1948 में आजाद हुए श्रीलंका ने करीब 30 साल गृहयुद्ध का झेला। लेकिन यहां के पर्यटन उद्योग( tourism industry) ने कभी इसकी आर्थिक कमर नहीं टूटने दी। फिर आया कोविड-19(COVID-19) का दौर। इससे श्रीलंका के पर्यटन को सत्यानाश कर दिया। अब वो जैसे ही पटरी पर लौट रहा था कि राजनीतिक संकट ने फिर उसे बर्बादी के कगार पर ला दिया है।

Amitabh Budholiya | Published : May 10, 2022 5:17 AM IST / Updated: May 10 2022, 10:48 AM IST

वर्ल्ड न्यूज. श्रीलंका के लिए यह बहुत बुरा दौर है। 1948 में आजाद हुए श्रीलंका ने करीब 30 साल गृहयुद्ध का झेला। लेकिन यहां के पर्यटन उद्योग( tourism industry) ने कभी इसकी आर्थिक कमर नहीं टूटने दी। फिर आया कोविड-19(COVID-19) का दौर। इससे श्रीलंका के पर्यटन को सत्यानाश कर दिया। अब वो जैसे ही पटरी पर लौट रहा था कि राजनीतिक संकट ने फिर उसे बर्बादी के कगार पर ला दिया है। पढ़िए पूरी कहानी...

सबकुछ बेपटरी हो गया
1948 में अपनी आजादी के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट में डूब गया है। इस आर्थिक संकट की एक बड़ी वजह 2020 में COVID-19 भी है, जिसे पर्यटन पूरी तरह ठप पड़ गया। कोविड से पहले की बात करें, तो पर्यटन से श्रीलंका ने 4.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर कमाए थे और 2018 में अपने सकल घरेलू उत्पाद(gross domestic product) में 5.6 प्रतिशत का योगदान दिया था। लेकिन 2020 में यह घटकर केवल 0.8 प्रतिशत रह गया। हालांकि, दो साल में पहली बार मार्च में पर्यटकों की संख्या 100,000 से ऊपर रही। लेकिन मौजूदा स्थिति ने यहां के होटल और अन्य व्यवसायियों को निराश कर दिया है। श्रीलंका अब विश्व बैंक और चीन के अलावा भारत से 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उम्मीद लगाए बैठा है।

Latest Videos

पर्यटन लौट रहा था कि फिर संकट
कोरोना महामारी ने श्रीलंका को एक कठिन स्थिति में लाकर छोड़ दिया था, क्योंकि इससे विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे थे। यह एक बड़ी वजह रही कि इसने देश का आर्थिक पतन कर दिया। पूरे देश को भोजन, ईंधन और दवाओं सहित बुनियादी जरूरतों की भारी कमी का सामना करना पड़ा। हालांकि श्रीलंका के पर्यटन उद्योग के अधिकारियों ने आशा जताई थी कि देश अब धीरे-धीरे ठीक होने की राह पर वापस आने लगा है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता ने फिर संकट बढ़ा दिया।

भारत की पहली पसंद रहा है श्रीलंका
आर्थिक सामर्थ्य और पहुंच के कारण यह द्वीप राष्ट्र भारतीय पर्यटकों का पसंदीदा रहा है। 2021 में यहां 56,000 से अधिक भारतीय पहुंचे थे, जो किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक थे। इस बीच पिछले दिनों श्रीलंकाई सरकार ने ऐलान किया था कि वो अब विदेशियों को कम से कम $100,000 के लिए दीर्घकालिक वीजा(long-term visas) बेचेंगी। यह उन्हें 10 साल तक श्रीलंका में रहने और काम करने की अनुमति देगा। इसे गोल्डन वीजा प्रोग्राम(The Golden Paradise Visa Program) नाम दिया गया है। इसे विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ने की उम्मीद लगाई गई है। इसके अलावा विदेशियों के लिए  5 साल का वीजा प्राप्त करने का भी प्रावधान है, जो श्रीलंका में एक अपार्टमेंट खरीदने के लिए $ 75,000 खर्च करने को तैयार हैं।

इस बीच श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण (SLTDA) ने घोषणा करते हुए कहा कि वर्तमान में देश में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अपने यात्रा दस्तावेजों का उपयोग कर्फ्यू पास(curfew pass) के रूप में करना चाहिए। बता दें कि श्रीलंका में कर्फ्यू लगाया गया है। इस लिहाज से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से अपने आवासीय परिसर में रहने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि वे देश नहीं छोड़ रहे हों।

यह भी पढ़ें
श्रीलंका हिंसा की शॉकिंग तस्वीरें: 30 साल चले गृहयुद्ध को खत्म करने वाला नायक बना खलनायक, हर तरफ आग
अपने ही लोगों से लड़ रहा श्रीलंका! भूखे से बेहाल लोग एक-दूसरे को मार रहे, मंत्रियों-सांसदों के घर जला दिए गए

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Bulldozer Action पर Asaduddin Owaisi ने BJP को जमकर धोया
कार से हो सकता हैं कैंसर! 99% गाड़ियों में है खतरा
चंद्रयान-मंगलयान के बाद अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान, जानें अगला मिशन । Venus Orbiter Mission
नक्सली सोच से लेकर भ्रष्टाचार के जन्मदाता तक, PM Modi ने जम्मू में कांग्रेस को जमकर सुनाया
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता