सूडान में फंसे करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना के दो विमान और नौसेना का एक जहाज तैयार है। दोनों विमान जेद्दाह में स्टैंडबाई पर हैं। वहीं, जहाज सूडान पोर्ट पर है।
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सूडान में लड़ाई के चलते रविवार तक 413 लोग मारे गए हैं और 3,551 घायल हुए हैं। सेना और अर्थसैनिक बल के बीच हो रही लड़ाई के चलते करीब 4 हजार भारतीय फंस गए हैं। इन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत सरकार काम कर रही है। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के दो C-130J विमान जेद्दाह में खड़े हैं। इन्हें स्टैंडबाई पर रखा गया है। आदेश मिलते ही दोनों विमान भारतीयों को बचाने के लिए उड़ान भर देंगे। वहीं, भारतीय नौ सेना का एक जहाज आईएनएस सुमेधा (INS Sumedha) सूडान पोर्ट पर पहुंच गया है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने की कोशिश जारी है। भारत सूडान की जटिल और लगातार बदल रही सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। इसके साथ ही भारत अपने नागरिकों को निकालने के लिए कई पार्टनर्स के साथ करीबी सहयोग कर रहा है। विदेश मंत्रालय और सूडान स्थित भारतीय दूतावास सूडान के अधिकारियों के साथ ही यूएन, सऊदी अरब, UAE, मिस्र, अमेरिका और अन्य देशों के संपर्क में है।
सत्ता के लिए सेना और अर्धसैनिक बल के बीच हो रहा संघर्ष
गौरतलब है कि सूडान में सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच सत्ता के लिए संघर्ष हो रहा है। यह लड़ाई पूरे देश में फैल गई है। हिंसा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित योजना के अनुसार नागरिक सरकार बनाने की असहमति से शुरू हुई थी। चार साल पहले सूडान में उमर अल-बशीर सरकार का पतन हुआ था। इसके दो साल बाद सैन्य तख्तापलट हुआ था। दोनों पक्ष एक दूसरे पर नई नागरिक सरकार बनाने से रोकने का आरोप लगाते हैं।
विदेशी विमानों के लिए बंद है सूडान का हवाई क्षेत्र
सूडान में हो रही हिंसा के चलते वहां करीब 4 हजार भारतीय फंस गए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीयों को निकालने के लिए योजनाएं बनाई गईं हैं, लेकिन जमीन पर कोई भी गतिविधि सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करेगी। राजधानी खार्तूम में विभिन्न स्थानों पर भयंकर लड़ाई की खबरें आ रहीं हैं। सूडानी हवाई क्षेत्र वर्तमान में सभी विदेशी विमानों के लिए बंद है। जमीन के रास्ते लोगों को निकालने में जोखिम है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमारा दूतावास सूडान में फंसे भारतीयों के साथ नियमित संपर्क में है। उन्हें घर में रहने और अनावश्यक जोखिम लेने से बचने की सलाह दी गई है।"