Sudan Crisis: सूडान से लौटे लोगों ने भारतीय दूतावास की सराहना की, बताया- लिमिटेड लोगों के साथ कैसे किया काम?

Published : Apr 28, 2023, 11:52 AM ISTUpdated : Apr 28, 2023, 11:53 AM IST
India launches Operation Kaveri to evacuate its nationals from Sudan bsm

सार

सूडान से मुंबई पहुंचे लोगों ने भारतीय दूतावास की जमकर तारीफ की और बताया कि कैसे सीमित कर्मचारी होने के बावजूद भारतीय दूतावास ने बिने रुके 24 घंटे काम किया।

नई दिल्ली: सूडान (Sudan) में भारतीय नागिरकों के निकालने के लिए 'ऑपरेशन कावेरी' जारी है। जानकारी के मुताबकि अब तक 1100 लोगों को सूडान से निकाल गया है। इनमें से कुल 520 भारतीयों को सूडान से जेद्दा पहुंचाया गया है, जबकि गुरुवार को 246 लोगों को जेद्दा से मुंबई लाया गया। इससे पहले बुधवार को 360 भारतीयों के पहले जत्थे को चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाया गया था। ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri) के तहत अफ्रीकी देश से मुंबई पहुंचे लोगों ने कहा कि सीमित कर्मचारियों के बावजूद युद्धग्रस्त देश में फंसे लोगों को निकालने के लिए सूडान में भारतीय दूतावास (Indian embassy in Sudan) ने 24 घंटे काम किया।

गुरुवार को मुंबई पहुंचे इन यात्रियों ने पिछले सात दिनों के अपने खौफनाक अनुभव सुनाए। 39 वर्षीय व्यवसायी अब्दुल कादिर ने कहा कि खार्तूम में स्थिति बिगड़ने के बाद भारत के राजदूत बी एस मुबारक (B S Mubarak) और उनके आठ अधिकारियों की टीम ने बिना रुके काम किया।

सूडान में भारतीय दूतावास ने 24 घंटे किया काम 

उन्होंने कहा इस दौरान भारतीय दूतावास ने लिमिटेड कर्मचारियों के साथ, 24×7 अनलिमिटेड काम किया। उन्होंने कहा कि मुबारक खुद शहर के सबसे ज्यादा प्रभावित हिस्से में फंस गए थे, लेकिन वह लगातार कर्मचारियों और वॉलंटियर्स के साथ संपर्क में थे। कादिर ने कहा कि राजदूत ने भारतीयों के वॉट्सऐप ग्रुप (WhatsApp groups) बनाए और यह सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति को मदद मिले।

सूडान में 1 घंटे की भीतर बदल गए हालात

उन्होंने कहा कि रक्षा ऐटशे गुरप्रीत सिंह (Defence attache Gurpreet Singh) ने अपनी जान जोखिम में डालकर मुबारक को सुरक्षित क्षेत्र में लेकर आए।कादिर ने कहा कि वह 2017 से सूडान में रह रहे थे और देश में तनावपूर्ण स्थिति के आदी थे, लेकिन इस बार हालात ज्यादा खराब हो गए, हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि रमजान के पवित्र महीने (Holy Month of Ramadan) में तनाव कम होगा।

उन्होंने बताया कि एक घंटे के भीतर रही देश के हालात बिगड़ गए और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। उन्हें भोजन और किराने का सामान खरीदने का भी मौका नहीं मिला। कादिर ने कहा, "हमें भारतीय होने का फायदा मिला। हमें कई चौकियों से शांतिपूर्वक गुजरने दिया गया।"

एक अन्य यात्री ने कहा कि स्थिति बहुत खराब है और दूतावास के कर्मचारियों द्वारा किए गए काम को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "मैं केवल अल्लाह से दुआ करता हूं कि हमारे सभी फंसे हुए भाई और दूतावास में मौजूद लोग सुरक्षित घर पहुंच जाएं।"

अपनो के मुंबई पहुंचने का इंतजार कर रहे रिश्तेदार

बता दें कि कई लोग अभी भी अपने रिश्तेदारों के सूडान से मुंबई पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। कल्याण की रहने वाली अनीता पांडेय भी उनमें से एक हैं।उनके पति पिछले एक साल से खार्तूम में फिटर का काम कर रहे हैं। पांडे ने कहा, "मेरे पति के दोस्त ने मुझे बताया कि उन्हें बचा लिया गया है और वह सुरक्षित हैं। मुझे नहीं पता कि वह फिलहाल कहां हैं? लेकिन हम उनके आने का इंतजार कर रहे हैं।"

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