तालिबान शासकों ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए एक नया कानून लागू किया है जो उन्हें सार्वजनिक रूप से आवाज उठाने और अपने चेहरे को खुला रखने से रोकता है। तालिबान का मानना है कि यह कदम समाज में बुराइयों से लड़ेगा और महिलाओं में तहजीब को बढ़ावा देगा।
वर्ल्ड न्यूज। तालिबानी कानून के सख्त नियमों को लेकर कई बार ट्वीट कर लोगों ने नाराजगी जताई है। सरकार पर आरोप लगाने के लिए भी तालिबनी शासन का हवाला दिया जाता है। तालिबान में महिलाओं की स्थिति को लेकर कई बार सार्वजनिक चर्चा भी हुई है। अब अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने नया कानून लागू किया है जिसमें महिलाओं को सार्वजनिक रूप से आवाज उठाने और चेहरे को खुला न रखने का नियम लागू कर दिया है। तालिबानी शासकों का मानना है कि ऐसे करने से समाज में फैली बुराइयों से लड़ना आसान होने के साथ महिलाओं में तहजीब को बढ़ावा मिलेगा।
बुराई रोकने और अच्छे व्वहार के लिए उठाया कदम
अफगानिस्तान में एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक यह कानून लोगों और समाज की भलाई के लिए लाया गया है। शीर्ष नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा की ओर से बुधवार को यह कानून जारी किया गया है। तालिबान ने 2021 में सत्ता पर कब्जा करने ने के बाद सदाचार के प्रचार और बुराई की रोकथाम के लिए एक मंत्रालय बनाया था। इस मंत्रालय ने अपने पाप और पुण्य कानून को अब जनता के लिए प्रकाशित किया है जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट, म्यूजिक, हजामत बनाना और पार्टी उत्सव जैसे रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा है। इसमें जारी की गई बातों पर अमल करने के साथ ही जीवन में आगे बढ़ना है।
पढ़ें Bangladesh: कहां मारे जा रहे सबसे ज्यादा हिंदू, तालिबान की राह पर देश
144 पेज और 35 आर्टिकल में नियम
तालिबानी नया कानून महिलाओं की लाइफ को और भी अधिक कठिन बना देगा। इस नए कानून में 114 पेज और 35 आर्टिकल हैं। अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से यहां बुराई और सदाचार कानून को लेकर पहली औपचारिक घोषणा की गई है। मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी अब्दुल गफर फारूक ने गुरुवार को कहा कि इंशाअल्लाह हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि यह इस्लामी कानून तहजीबियत को बढ़ावा देने और बुराइयों को खत्म करने में बहुत मददगार होगा।