बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भड़की हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को झेलना पड़ रहा है।
अमेरिकी NGO ‘हिंदूएक्शन’ ने दावा किया कि बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों में हिंदुओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है।
NGO ‘हिंदूएक्शन’ के मुताबिक, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि गांव और दूरदराज इलाकों में रहने वाले हिंदुओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने में ज्यादा समय लगता है।
‘हिंदूएक्शन’ एनजीओ ने ये भी कहा कि बांग्लादेश के पॉलिसीमेकर्स को इस बात का अहसास होना चाहिए कि अगर वहां से 8% प्रतिशत हिंदू खत्म हुए तो पूरा देश तालिबान बन जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर 205 से ज्यादा हमले हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर हिंसा की घटनाएं ग्रामीण इलाकों की हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बांग्लादेश के मामले में हम भारत और उसके आसपास के अन्य देशों के संपर्क में है। हम चाहते हैं कि वहां हो रही हिंसा जल्द से जल्द खत्म हो।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल के मुताबिक, हम बांग्लादेश में हिंसा को खत्म करने के साथ ही जवाबदेही तय करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं।
इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर में कहा था- लोकतंत्र में कोई हिंदु-मुस्लिम नहीं होता। हम सब एक हैं और सबके अधिकार बराबर हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मोहम्मद यूनुस के उस बयान की तारीफ की, जिसमें उन्होंने हिंसा को खत्म करने के साथ ही बांग्लादेश में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।