ईरान में चुनाव है। राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान, खुमैनी को इजराइल से सीधे जंग के खतरे को लेकर आगाह किया है। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे ईरान को बड़ा नुकसान हो सकता है।
ईरान की धमकी को इजरायल ने गंभीरता से लिया है। इजरायल के साथ अमेरिका और कई पश्चिमी देश है। पिछले युद्ध में जिस तरह जॉर्डन ने ईरान की मिसाइलें रोकी, वो भी ईरान की चिंता है।
हिजब्बुल्ला-हमास साथ ही हैं। सीरिया-यमन के अलावा रूस का समर्थन मिल सकता है। विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि चीन का साथ भी मिल सकता है। इराकी लड़ाकू ग्रुप भी साथ दे सकते हैं
पश्चिमी देश नहीं चाहते कि ईरान-इजराइल का युद्ध हो, क्योंकि इससे क्षेत्रीय शांति प्रभावित होगी। आधी से ज्यादा दुनिया खाड़ी देशों से व्यापार करती है, जिस पर सबसे ज्यादा असर होगा।
ईरान अपनी सैनिक शक्ति बढ़ा रहा है। टेक्नॉलॉजी में इजरायल ताकतवर है। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों का भी समर्थन उसके साथ है। ऐसे में अगर युद्ध छिड़ता है तो वो विनाशकारी हो सकता है।
विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि ईरान के लीडर्स को लगता है कि अगर उनका देश इस युद्ध में उतरता है तो उन्हें काफी नुकसान हो सकता है, इससे ईरान कई समस्याओं से घिर सकता है।