बच्चों पर फायरिंग के मामले में अमरीका पहले नंबर पर, हर ढाई घंटे में होती है एक बच्चे की मौत!

Published : May 28, 2022, 11:52 AM ISTUpdated : May 28, 2022, 12:24 PM IST
बच्चों पर फायरिंग के मामले में अमरीका पहले नंबर पर, हर ढाई घंटे में होती है एक बच्चे की मौत!

सार

उच्च आय वाले देशों में शामिल अमरीका में सार्वजनिक जगहों पर फायरिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सिर्फ इस साल अब तक यहां दो सौ फायरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में बंदूक से हुई हिंसा में हर ढाई घंटे में एक बच्चे की मौत हो जाती है। 

नई दिल्ली। अमरीका में बच्चों पर बंदूकों से होने वाले हमले बढ़ते जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में हर ढाई घंटे में ऐसी फायरिंग में एक बच्चे की मौत हो जाती है। सिर्फ इस साल अब तक टेक्सास में हुई फायरिंग को भी जोड़ लें तो सार्वजनिक जगहों पर गोलीबाारी की यह 200वीं घटना थी। 

बता दें कि बीते मंगलवार को अमरीका में टेक्सास के उवाल्डे शहर में 18 साल के एक लड़के ने प्राथिमक स्कूल में फायरिंग की। इस घटना में 19 बच्चे और दो शिक्षकों की मौत हो गई थी। ऐसी फायरिंग के मामले में अमरीका दूसरे अन्य देशों से किस तरह अलग है, जबकि इन सभी जगह बंदूकों को लेकर नियम समान है, इस पर एक रिपोर्ट सामने आई है। 

बच्चों की मौत का प्रमुख कारण बंदूकों से बढ़ी हिंसा
अमरीकी संगठन चिल्ड्रेन डिफेंस फंड के मुताबिक, अमरकी बच्चों की मौत का प्रमुख कारण अब बंदूक और इससे जुड़ी हिंसा है। संगठन के मुताबिक, यहां औसतन रोज 9 बच्चे ऐसी घातक फायरिंग की घटनाओं में मरते हैं। यानी हर दो घंटे और छत्तीस मिनट में एक बच्चे की मौत हो जाती है। ज्यादातर घटनाएं अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों पर होती हैं। ऐसे स्कूलों को निशाना बनाया जाता है, जहां इनकी संख्या अधिक है। हालांकि, कई बार बहुसंख्यक वर्ग के बच्चों को भी निशाना बनाया जाता है। 

अमरीका में फायरिंग में मरने वाले बच्चों की संख्या 36.5 गुना अधिक
दरअसल, अमरीका उच्च आय वाले देशों में सबसे ऊपर है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की ओर से हाल ही में प्रकाशित की गई एक एनालिसिस रिपोर्ट पर गौर करें तो ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, इंग्लैंड और वेल्स समेत कई और उच्च आय वाले देशों की तुलना में अमरीका में बंदूक से मारे गए बच्चों की संख्या 36.5 गुना अधिक है। बीते कुछ साल में तमाम इंटरनेशनल रिसर्च में भी यह साबित हो चुका है कि अमरीका में बच्चों पर बंदूकों से हुई हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं। सिर्फ इस साल अमरीका में टेक्सास की घटना को भी जोड़ दें तो यह पब्लिक प्लेस पर फायरिंग की 200वीं घटना थी।  

33 करोड़ लोगों पर 39 करोड़ हथियार!
अमरीका में डाटा कलेक्ट करने वाली एजेंसी गन वायलेंस अर्काइव ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले पांच साल में सिर्फ अमरीकी स्कूलों में  सौ से अधिक फायरिंग की घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2018 में यहां स्कूलों में फायरिंग की 24 घटना हुई, जबकि 2019 में भी यह संख्या 24 रही। 2020 में यह संख्या कम हुई। शायद यह संख्या कोरोना महामारी की वजह से बंद रहे स्कूलों के कारण घटी। वहीं, वर्ष 2021 में यह संख्या एक बार फिर बढ़ी और 34 पहुंच गई। 2022 में यानी इस साल अब तक सिर्फ पांच महीने में स्कूलों में फायरिंग के 27 मामले सामने आ चुके हैं। अमरीका में करीब 33 करोड़ की आबादी पर यहां लगभग 39 करोड़ हथियार हैं। 

नार्वे और फिनलैंड में भी अमरीका जैसे कानून, मगर ये ज्यादा शांत
इस बीच, इंटरनेशनल रिसर्च ने अमरीकी राष्ट्रीय बंदूक कानूनों, बंदूक से जुड़ी हिंसक घटना और बंदूकों के लाइसेंस के आंकड़ों की तुलना की है। दिलचस्प यह है कि बंदूक को लेकर अमरीका में जो कानून हैं, वहीं कानून यूरोपीय देश फिनलैंड और नार्वे में भी है। यहां भी बंदूक लाइसेंस के लगभग वही आकंड़े हैं, मगर यहां समाज ज्यादा सुरक्षित हैं और अमरीका जैसी बंदूक से हो रही हिंसक घटनाएं देखने को नहीं मिलती। 

हटके में खबरें और भी हैं..

टेक्सास पहला नहीं, इस साल हुए 200 खूनी हमले, अमरीकी सरकार के लिए सिरदर्द बना घोस्ट गन, जानिए क्या है ये 

टेक्सास हमले में मारी गई टीचर की बेटी ने लिखी भावुक कर देने वाली पोस्ट- माई स्वीट मम्मी..एक बार फिर से बोल दो 

यहां घर बैठे मंगाई जा सकती है गन, बस लगाना होता है जुगाड़, बिडेन बोले- मैं बीमार और थका हूं, अब एक्शन लूंगा

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

अलास्का-कनाडा बॉर्डर पर 7.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप, 20+आफ्टरशॉक्स का अलर्ट-क्या और झटके आएंगे?
पति दिल्ली में कर रहा दूसरी शादी की तैयारी-पाकिस्तानी निकिता ने PM मोदी से मांगा इंसाफ