
Pain of Facebook Employees: फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने हाल ही में 11 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। इनमें कई ऐसे कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपनी स्थायी नौकरी छोड़कर मेटा कंपनी में स्विच किया था। इनमें कई भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जो अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। बता दें कि फेसबुक ने अपनी लागत कम करने के लिए दुनियाभर में 11000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है। इनमें कई भारतीय भी शामिल हैं।
अच्छी-खासी जॉब छोड़ मेटा में आई, अब पछतावा :
आईटी पेशेवर नीलिमा अग्रवाल, जो दो दिन पहले ही मेटा से जुड़ी थीं, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर लिखा कि वो भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी गवां दी है। नीलिमा ने कहा कि वो एक हफ्ते पहले ही भारत से कनाडा आई हैं और एक लंबी वीजा प्रक्रिया के बाद 2 दिन पहले ही मेटा में शामिल हुई थीं। लेकिन दुर्भाग्य से दो दिन बाद ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। नीलिमा के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने मेटा ज्वॉइन करने के लिए हैदराबाद स्थित माइक्रोसॉफ्ट के ऑफिस में अपनी दो साल पुरानी स्थायी नौकरी छोड़ी थी।
3 दिन पहले ही किया था ज्वॉइन, अब बेरोजगार :
इसी तरह बेंगलुरू में अमेजॉन ऑफिस में तीन साल से ज्यादा वक्त तक काम करने के बाद विश्वजीत झा ने भी 3 दिन पहले मेटा कंपनी में स्विच किया था। लेकिन अब उन्हें भी निकाल दिया गया है। झा कहते हैं- लंबी वीजा प्रोसेस के बाद मैंने तीन दिन पहले ही मेटा ज्वॉइन की। वाकई में ये बेहद दुखद है। मैं दिल से उन सभी लोगों के साथ हूं, जो छंटनी का शिकार हुए हैं।
बड़ी से बड़ी मंदी देखी, पर नौकरी नहीं गई..
मेटा की टेक्निकल टीम का हिस्सा रहे राजू कदम का कहना है कि वो 16 साल से अमेरिका में हैं और उन्हें कभी नौकरी जाने की समस्या से नहीं गुजरना पड़ा। राजू कदम कहते हैं- मेरे पास एच-1बी वीजा है। अब मेरी अमेरिका छोड़ने की घड़ी आ गई है। मैंने अमेरिका में रहते हुए 2008, 2015 और 2020 की मंदी देखी है, लेकिन अपनी नौकरी कभी नहीं खोई।
जिनकी नौकरी जाएगी, उन्हें मिलेगी 4 महीने की सैलरी :
मेटा कंपनी में जिन कर्मचारियों की छंटनी होगी, उन्हें 4 महीने की सैलरी देकर निकाला जाएगा। कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के मुताबिक, कर्मचारियों को एक ईमेल भेजकर बताया जाएगा कि उनका नाम नौकरी जाने वालो की लिस्ट में है या नहीं। छंटनी वाले कर्मचारियों को 16 हफ्ते का मूल वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही इन कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस अगले छह महीने तक चालू रहेगा।
कुल वर्कफोर्स की 13% छंटनी :
बता दें कि फेसबुक ने 18 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की है। फेसबुक की स्थापना साल 2004 में हुई थी। हालांकि, कुछ महीनों पहले ही इसका नाम बदलकर मेटा कर दिया गया। फिलहाल मेटा में करीब 87,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अपने कुल वर्कफोर्स में 13% कटौती करने जा रही है, जो करीब 11000 के आसपास है। बता दें कि इससे पहले ट्विटर, वॉलमार्ट, फोर्ड, अलीबाबा समेत कई बड़ी कंपनियों ने कॉस्ट घटाने के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
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