रूस की यूक्रेन हमले के दौरान बमबारी में फंसे जर्मनी के विदेशी खुफिया प्रमुख, जानें कैसे वो वहां से निकल सके

बीएनडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी में सुरक्षा बलों का विशेष योगदान रहा। विशेष बलों द्वारा कथित रूप से निभाई गई भूमिका का उल्लेख नहीं किया जा सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2022 1:35 AM IST / Updated: Feb 26 2022, 07:54 AM IST

बर्लिन। जब रूस यूक्रेन पर हमला कर रहा था तो जर्मनी की विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख वहीं थे। हालांकि, हवाई सेवाएं बंद होने की वजह से स्पेशल फोर्सेस ने उनको सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। फेडरल इंटेलिजेंस सर्विस (बीएनडी) ने पुष्टि की कि ब्रूनो काहल (Bruno Kahl) बुधवार को स्पेशल मीटिंग के लिए यूक्रेन में थे, लेकिन आक्रमण शुरू होने के बाद उनको अपनी डिपार्चर के निर्णयों को बदलना पड़ा। 

भू-मार्ग से वापसी हुई सुनिश्चित

Latest Videos

बीएनडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि शत्रुता के प्रकोप और यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को बंद करने के कारण, राष्ट्रपति ने भू-मार्ग से वापसी सुनिश्चित कराई। उनकी सुरक्षित वापसी में सुरक्षा बलों का विशेष योगदान रहा। विशेष बलों द्वारा कथित रूप से निभाई गई भूमिका का उल्लेख नहीं किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने बताया कि यह एक कठिन और लंबी यात्रा थी क्योंकि शरणार्थियों की धारा एक ही दिशा में जा रही थी। 

यह भी पढ़ें: नागरिक अधिकारों के उल्लंघन में रूस का Facebook पर सेंसरशिप की चाबुक, अमेरिकी दिग्गज कंपनी को बड़ा झटका

बर्लिन मीटिंग में पहुंचे खुफिया प्रमुख

जर्मनी के खुफिया प्रमुख, यूक्रेन के बाद सीधे यूरोपीय संघ में वापस आ गए। यहां उनको बर्लिन में यूरोपियन यूनियन की मीटिंग में शिरकत करना है। बिल्ड अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कहल यूक्रेन में व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए गए थे। सीक्रेट एजेंट व पूर्व राजनेता काहल, जर्मन राजनयिकों के पहले निकासी से चूक गए थे। आगे बढ़ती रूसी सेना से भाग रहे शरणार्थियों के भारी प्रवाह के परिणामस्वरूप यूक्रेन की पश्चिमी पड़ोसियों के साथ सीमाओं पर कई घंटों की कतारें लगी हैं।

कीव पर हमला तेज

शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने हमला तेज किया। मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना ने जमकर बमबारी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित बैन अपर्याप्त हैं। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि अब तक 10 सैन्य अधिकारियों सहित 137 लोग मारे गए हैं और 316 लोग घायल हुए हैं।

सोमवार को रूस ने दो देशों को दी थी मान्यता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इन दोनों को अलग देश के रूप में पुतिन ने मान्यता देते हुए अपने रक्षा मंत्रालय को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का कार्य संभालने का निर्देश दिया।

यह है विवाद की वजह

रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।

यह भी पढ़ें:

रूस की बमबारी के बीच यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की ने सहयोगियों संग वीडियो बनाया, बोले-हम अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ेंगे

यूक्रेन का दावा: जवाबी हमले में रूस के 2800 सैनिकों को मार गिराया, 80 टैंक भी किए तबाह

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

एक थी महालक्ष्मी! फ्रिज से शुरू हुई कहानी पेड़ पर जाकर हुई खत्म, कागज के पर्चे में मिला 'कबूलनामा'
OMG! 53 दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल, एक तो है Paracetamol
दिल का दौरा पड़ते ही करें 6 काम, बच जाएगी पेशेंट की जान #Shorts
रोचक किस्साः गुजरात के भैंसों का कमाल, ब्राजील हो गया मालामाल
रोया और अपने ही घर में 27 घंटे टॉर्चर झेलता रहा इंजीनियर,खौफनाक रात में गवांए 35 लाख