शहबाज को पाकिस्तान का पीएम बनाने वाली पीपीपी ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से किया इंकार, जानें क्या है वजह

पाकिस्तान में सियासी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। शहबाज शरीफ 174 वोट हासिल कर प्रधानमंत्री तो बन गए, लेकिन अब मंत्रिमंडल का गठन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वे किसी सहयोगी को नाराज नहीं करना चाहते। 

इस्लामाबाद। हाल ही में पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री (pakistan new PM) बने शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) अपने नए मंत्रिमंडल के गठन में कुछ वक्त ले सकते हैं। दरअसन, वह जानते हैं कि मंत्रिमंडल गठन में जरा भी चूक होने पर संयुक्त विपक्ष नाराज हो सकता है। ऐसे में वह सभी सहयोगियों का साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, शहबाज शरीफ को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में अहम भागीदार बनी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP)मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहती है। पीपीपी के पास पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 56 सीटें हैं, जबकि PML-N के पास 84 सांसद हैं।

सिर्फ विशेषाधिकारों का आनंद लेने नहीं आए 
पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन' के मुताबिक पीपीपी के एक नेता का कहना है कि हम गठबंधन की कमजोर नस को समझते हैं और मौजूदा सरकार को कामयाब होते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम यह धारणा नहीं बनाना चाहते कि हम सिर्फ विभागों या भत्तों और विशेषाधिकारों का आनंद लेने के लिए सत्ता में आए हैं। 

Latest Videos

शरीफ सभी को साथ लेना चाह रहे 
शरीफ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पार्टी कैबिनेट में शामिल हो, क्योंकि उनका मानना है कि अगर पीपीपी इससे बाहर रहती है, तो इससे जनता में गलत संदेश जाएगा। पाकिस्तानी के अखबार द डॉन की खबर के मुताबिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के आलाकमान ने सभी सहयोगी दलों को कैबिनेट में शामिल करने और उन्हें उनकी पसंद के मंत्रालय देने का फैसला किया है। 

गठबंधन में 8 पार्टियां और 4 निर्दलीय
द डॉन के मुताबिक पाकिस्तान की सत्ता में काबिज संयुक्त गठबंधन में 8 राजनीतिक पार्टियां और 4 निर्दलीय सदस्य शामिल हैं। शहबाज सिर्फ दो वोटों के अंतर से प्रधानमंत्री पद पर काबिज हुए हैं, इसलिए वे जरा सी भी चूक नहीं करना चाहते।  

174 वोट हासिल कर पीएम बने शरीफ
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में हुए अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में इमरान को 174 वोट मिले थे। पाकिस्तान की संसद की 342 सीटों में से सत्ता में आने के लिए 172 सीटों की जरूरत होती है। ऐसे में 4 निर्दलीयों की भूमिका भी अहम है। 70 साल के शरीफ सरकार में खासकर उन लोगों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, जो इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की गठबंधन सरकार का साथ छोड़ने के बाद उनके साथ आए हैं। 

यह भी पढ़ें भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है पाकिस्तान, मोदी की बधाई पर शहबाज शरीफ का धन्यवाद

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
महाराष्ट्र के चुनावों में अडानी का बहुत बड़ा हाथ था उसने चुनावों में BJP की मदद की: खड़गे
योगी सरकार और BJP के ख़िलाफ़ जमकर दहाड़े AAP राज्यसभा सांसद संजय सिंह
कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक बंद ऑन हुआ तो बोले- मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता
संभल हिंसा पर कांग्रेस ने योगी और मोदी सरकार पर साधा निशाना