कौन हैं पाकिस्तान के तीन कठपुतली जिनका जिक्र पीएम इमरान खान बार-बार कर रहे...क्यों करना चाहते पद से हटाना?

पाकिस्तान की सियासत बेहद खराब दौर से गुजर रही है। देश में अभी तक कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ जो अपना कार्यकाल पूरा कर सका। इमरान खान पीएम के रूप में अंतिम दिन गिन रहे हैं। इमरान खान ने देश के तीन बड़े  नेताओं को विदेशी ताकतों के इशारे पर काम करने वाला कठपुतली करार दिया है। 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में राजनीतिक तूफान आया हुआ है। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को हटाने के लिए देश की अधिकतर विपक्षी पार्टियां एक साथ आ चुकी हैं। अविश्वास प्रस्ताव (no confidence motion against Imran Khan) आ चुका है। इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के दिन करीब-करीब पूरे हो चुके हैं। हालांकि, इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में साफ कहा कि वह इस्तीफा। उन्होंने अपनी सरकार को गिराने की साजिश में विदेशी ताकतों का हाथ बताया। इमरान खान ने इस साजिश का हिस्सा अमेरिका से लेकर भारत तक को बताया। पिछले कई बार से इमरान खान विदेशी ताकतों की साजिश बताने के साथ साथ तीन कठपुतलियों का जिक्र कर रहे हैं। इमरान खान ने गुरुवार को भी कहा कि यहां तीन कठपुतली बैठे हैं जो विदेशी ताकतों के साथ काम कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इमरान खान को बाहर कर दिया जाए और चाहते हैं कि यह निश्चित व्यक्ति इस जगह को ले और तब सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन क्या आप चाहते हैं कि कोई धोखाधड़ी का आरोपित आपका नेतृत्व करे? आइए जानते हैं कि वह कौन तीन कठपुतली हैं जिनका बार बार इमरान खान जिक्र कर रहे हैं।

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शहबाज शरीफ

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif)। शहबाज शरीफ वर्तमान में पीएमएल-एन (PMl-N) के अध्यक्ष हैं। नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किए जाने के बाद से वह पार्टी के प्रेसिडेंट हैं। शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली (पाकिस्तान की संसद के निचले सदन) में विपक्ष के वर्तमान नेता हैं। शरीफ को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab Province) के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त है। वह तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 1997 में पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने। लेकिन, जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा 1999 के तख्तापलट के बाद, उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा और अगले आठ साल सऊदी अरब में निर्वासन में बिताए। शहबाज शरीफ और उनके भाई 2007 में पाकिस्तान लौट आए। 2008 के आम चुनाव में उनकी पार्टी की जीत के बाद वह फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शरीफ का तीसरा कार्यकाल 2013 में शुरू हुआ और उन्होंने 2018 के चुनावों में पीएमएल-एन की हार तक पूर्ण कार्यकाल दिया। 2018 के चुनावों के बाद उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया था।

आसिफ अली जरदारी

63 वर्षीय आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People's Party) के वर्तमान सह-अध्यक्ष हैं। उनके बेटे बिलावल जरदारी भुट्टो (Bilawal Zardari Bhutto) पार्टी के अध्यक्ष हैं। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के पति आसिफ अली जरदारी, पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। आसिफ अली जरदारी 2008 से 2013 तक देश के राष्ट्रपति रहे। देश के 11वें राष्ट्रपति रह चुके जरदारी का नाता विवादों से भी रहा है। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं। एक मेगा मनी लॉन्ड्रिंग केस में वह 2018 में सुर्खियों में रहे। जरदारी के साथ उनकी बहन व कुछ अन्य साथी भी इस केस में आरोपी हैं। इमरान खान ने जिन तीन कठपुतलियों का जिक्र किया है उसमें से एक यह भी हैं।

मौलाना फजलुर रहमान

पाकिस्तान की सबसे बड़ी धार्मिक पार्टी व कट्टरपंथी दल जमियत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) का राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazalur Rehman), उन तीन कठपुतलियों में शामिल हैं। सरकार किसी की भी बने हमेशा सत्ता की मलाई खाने वाले फजलुर रहमान के पिता खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के सीएम रह चुके हैं। मौलाना का परिवार पंजाब की राजनतीक में खासा प्रभावी रहा है। हालांकि, 2018 के आम चुनावों में मौलाना की पार्टी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया। पार्टी की बुरी हार के साथ वह खुद भी चुनाव हार गया। हालांकि, बीते दिनों इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए निकाले गए मार्च में मौलाना ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। फजलुर रहमान (Fazlur Rehman) अपनी पार्टी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के लाखों समर्थक इस्लामाबाद तक मार्च में शामिल रहे। इसको आजादी मार्च (Azadi March) नाम दिया गया।

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