
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नया ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ वीजा प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसकी कीमत इंडिविजुअल्स के लिए 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.97 करोड़ रुपए) और कंपनियों के लिए 2 मिलियन डॉलर तय की गई है। यह कार्ड धारकों को ग्रीन कार्ड जैसे अधिकार देगा और उन्हें अमेरिका में लंबी अवधि तक रहने, पढ़ने और काम करने की अनुमति मिलेगी। ट्रम्प ने दावा किया कि इस स्कीम से अमेरिकी सरकार को अरबों डॉलर की आमद होगी और यह दुनिया भर से हाई-नेटवर्थ निवेशकों को आकर्षित करेगी। इससे पहले ग्रीन कार्ड पाने की लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरने वाले भारतीयों के लिए यह प्रोग्राम बड़ा अवसर माना जा रहा है।
यह कार्ड सिर्फ एक वीजा नहीं, बल्कि सीधे-सीधे अमेरिकी नागरिकता (US Citizenship) की ओर जाने का एक शॉर्टकट बताया जा रहा है। इससे पहले फरवरी में इसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर तय की गई थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर कर दिया गया। ट्रम्प ने लॉन्चिंग के दौरान कहा कि यह कार्ड अमेरिकी सरकार के लिए बेहद फायदेमंद होगा। उनके शब्दों में: "सारा पैसा US सरकार के पास जाएगा। इससे सरकारी खजाना अरबों डॉलर से भरेगा। हम दुनिया के बेहतरीन लोगों को अमेरिका ला पाएंगे।” अब सवाल यह है कि आखिर यह गोल्ड कार्ड है क्या, इससे क्या फायदा है, और यह भारतीयों के लिए क्यों बड़ी खबर है?
ट्रम्प गोल्ड कार्ड एक ऐसा वीजा / रेसिडेंसी प्रोग्राम है जो लोगों को अमेरिका में रहने, पढ़ाई करने, काम करने और आगे चलकर US नागरिकता पाने का मौका देता है। यह प्रोग्राम खास तौर पर उन लोगों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है-जैसे इन्वेस्टर्स, बिजनेसमैन या हाई-नेटवर्थ व्यक्ति।
अब तक अमेरिका में रहने के लिए कई वीजा प्रोग्राम होते हैं-EB-1, EB-2, EB-3, EB-4 और EB-5। इनमें से EB-5 वीजा इन्वेस्टर्स के बीच सबसे लोकप्रिय है क्योंकि:
ट्रम्प गोल्ड कार्ड भी लगभग इसी तरह की सुविधाएं देता है, लेकिन इसमें पहले से भी आसान रास्ता बताया जा रहा है।
ग्रीन कार्ड मिलने की प्रक्रिया लंबी और कई बार मुश्किल होती है।
कई भारतीयों को 10–15 साल तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन गोल्ड कार्ड में:
यही वजह है कि इसे ग्रीन कार्ड का आसान वर्जन कहा जा रहा है।
भारत उन देशों में शामिल है जहां से सबसे ज्यादा लोग US ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं।
2022 में:
इस भारी भीड़ के कारण भारतीयों को अक्सर लंबा इंतजार करना पड़ता है।
लेकिन गोल्ड कार्ड:
इसलिए भारतीय निवेशकों और अमीर परिवारों के लिए यह एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।
ट्रम्प का दावा है कि गोल्ड कार्ड लॉन्च करने से:
अगर 10,000 लोग भी यह कार्ड लेते हैं, तो सरकार को कम से कम 10 बिलियन डॉलर की सीधी आमद हो सकती है।
कई लोग इसे “Citizenship for Sale” कह रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिका में अमीर विदेशी लोगों की एंट्री आसान हो जाएगी। हालांकि ट्रम्प का कहना है कि इससे अमेरिका "सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा और बड़े निवेशकों" को आकर्षित करेगा। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
हां। कई देश जैसे:
पहले से ही गोल्ड वीजा या निवेश आधारित वीजा चलाते हैं।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड एक ऐसा बड़ा कदम है जिससे अमेरिका:
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