Trump-Putin Historic Alaska Summit: ट्रंप बोले-अगर बात नहीं बनीं तो कुछ ही मिनट में वार्ता खत्म होगी

Published : Aug 15, 2025, 10:22 PM IST
trump putin

सार

Trump-Putin Historic Alaska Summit:अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की अलास्का में ऐतिहासिक मुलाक़ात आज, यूक्रेन युद्ध पर बड़े फैसले की उम्मीद। भारत के लिए रणनीतिक चेतावनी भी जारी।

Trump-Putin Historic Alaska Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऐतिहासिक मुलाक़ात अलास्का के ऐंकरेज में होने जा रही है। यह पहला मौका होगा जब पुतिन फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी धरती पर कदम रखेंगे। ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन की तरफ से डील करने नहीं जा रहे हैं बल्कि पुतिन को बातचीत की टेबल पर लाने आया हूं।

ट्रंप ने किया ट्रूथ सोशल रवाना होने से पहले पोस्ट

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म Truth Social पर "HIGH STAKES" पोस्ट करते हुए संकेत दिया कि यह बैठक निर्णायक साबित हो सकती है। ट्रंप ने कहा: मैं यहां यूक्रेन की तरफ से डील कराने नहीं आया बल्कि पुतिन को बातचीत की मेज पर लाने आया हूं। अगर रूस समझौता नहीं करता तो उसे गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे।

ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर पुतिन समझौता करने को तैयार नहीं हुए तो यह बैठक कुछ ही मिनटों में खत्म हो सकती है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि किसी भी अंतिम समझौते से पहले वह यूरोपीय नेताओं और ज़ेलेंस्की से परामर्श करेंगे ताकि तीन-तरफ़ा वार्ता में क्षेत्रीय बंटवारे पर बात हो सके।

ज़ेलेंस्की ने की अतिक्रमण रोकने की अपील

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति से रूस का अतिक्रमण रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि युद्ध खत्म करने का समय आ गया है और इसके लिए कदम रूस को उठाने होंगे।

इस मुलाक़ात के लिए अमेरिकी डेलीगेशन में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट, कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लुटनिक और CIA डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ शामिल हैं।

बैठक का स्थान और ऐतिहासिक महत्व

वार्ता अलास्का के Elmendorf Air Force Base में शाम 7 बजे (GMT) शुरू होगी जो शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ की निगरानी का प्रमुख अड्डा रहा है। अमेरिका ने 1867 में रूस से अलास्का खरीदा था, जिसे आज मॉस्को जमीन अदला-बदली की वैधता के उदाहरण के रूप में पेश करता है।

भारत के लिए चेतावनी

इस बीच, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेफ़्री डी सैक्स ने कहा कि भारत को अमेरिका द्वारा इस्तेमाल होने से बचना चाहिए, खासकर जब वॉशिंगटन चीन के साथ गलत दिशा वाली ट्रेड वॉर चला रहा है। उनका कहना है कि भारत को अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए।

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