राष्ट्रपति कैस सईद ने पीएम हिचिम मेशिशी को बर्खास्त करने के साथ संसद को भंग कर दिया था। राजनीतिक दलों ने इसे तख्तापलट करार दिया था।
ट्यूनीश। ट्यूनीशिया (Tunisia) में पहली बार कोई महिला पीएम (First Woman PM) पद संभालेंगी। इंजीनियरिंग शिक्षिका और वर्ल्ड बैंक में अधिकारी रह चुकी नाजला बूदेन रमधाने (Najla Bouden Rumdhaney) को राष्ट्रपति कैस सईद (President Kais Saed) ने नया पीएम नियुक्त किया है। राष्ट्रपति ने दो महीने पहले देश के पीएम को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
कौन हैं रमधाने?
ट्यूनीशिया के कैरोन में जन्मी नाजला बूदेन रमधाने करीब 63 साल की हैं। वह नेशनल कैपिटल में नेशनल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। साल 2011 में उच्च शिक्षा मंत्रालय का महानिदेशक उनको नियुक्त किया गया था। गैर राजनीतिक क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली रमधाने विश्व बैंक में अधिकारी भी रह चुकी हैं।
दो महीने पहले ही पीएम को बर्खास्त कर दिया गया
राष्ट्रपति कैस सईद ने पीएम हिचिम मेशिशी को बर्खास्त करने के साथ संसद को भंग कर दिया था। राजनीतिक दलों ने इसे तख्तापलट करार दिया था।
2019 में राष्ट्रपति बने थे कैस सईद
राष्ट्रपति कैस सईद 2019 में देश के राष्ट्रपति बने थे। वह एक प्रतिष्ठित कॉलेज में कानून के प्रोफेसर रहे हैं। शिक्षक होने के नाते उनको सभी दलों ने सपोर्ट कर राष्ट्रपति बनवाया था।
लेकिन असफल राष्ट्रपति साबित हुए कैस
हालांकि, राष्ट्रपति बनने के बाद कैस सईद एक असफल प्रशासक साबित हुए। राजनीतिक दल उनके निर्णयों की आलोचना करने लगे। पुलिस की बर्बरता, कोरोना संक्रमण को रोकने में अक्षम साबित हुए सईद पर अब आर्थिक संकट के लिए कोई रणनीति नहीं होने का आरोप है। दरअसल, कोरोना के बाद देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आर्थिक संकट की वजह से पूरे देश में जगह जगह प्रदर्शन् जब हुए तो उनको राष्ट्रपति के आदेश पर कुचला जाने लगा। इसी बीच करीब दो महीने पहले उन्होंने पीएम को बर्खास्त कर खुद सत्ता पर नियंत्रण हासिल कर लिया था।
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