शिकागो में भारतीय मूल के दो लोग धोखाधड़ी के आरोप में दोषी करार, 30 साल की हो सकती है जेल, जल्द होगा सजा का ऐलान

शिकागो में दो भारतीय मूल अधिकारियों को फेडरल जूरी ने कॉर्पोरेट फ्रॉड स्कीम चलाने का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने 10 हफ्ते के लंबे ट्रायल के बाद यह फैसला किया है।

Danish Musheer | Published : Apr 12, 2023 1:48 PM IST / Updated: Apr 12 2023, 07:19 PM IST

न्यूयॉर्क: अमेरिका के शिकागो में दो भारतीय मूल के स्टार्टअप अधिकारियों को वहां की एक फेडरल जूरी ने 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कॉर्पोरेट फ्रॉड स्कीम चलाने का दोषी ठहराया है। स्कीम के तहत कंपनी ने अपने ग्राहकों और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है। इससे पहले मामले में 10 हफ्ते का ट्रायल चला और एक लंबे ट्रायल के बाद जूरी ने मंगलवार को हेल्थ टेक्नोलॉजी कंपनी आउटकम हेल्थ के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ ऋषि शाह को 22 में से 19 मामलों में और सह-संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष श्रद्धा अग्रवाल को 17 में से 15 मामलों में दोषी पाया।

इसके अलावा जूरी ने कंपनी के ओपरेटिंग ऑफिसर ब्रैड पर्डी को 15 में से 13 मामलों में दोषी ठहराया। जानकारी के मुताबिक 37 वर्षीय शाह को ईृमेल फ्रॉड के पांच मामलों, वायर फ्रॉड के 10 मामलों, बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों और मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में दोषी ठहराया गया है।

वहीं, 37 वर्षीय अग्रवाल को मेल फ्रॉड के पांच मामलों, वायर फ्रॉड के आठ मामलों और बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में दोषी ठहराया गया, जबकि 33 वर्षीय पर्डी को मेल फ्रॉड के पांच मामलों, वायर फ्रॉड के पांच मामलों, बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में दोषी ठहराया गया है।

कितनी होगा सजा?
बैंक धोखाधड़ी के लिए प्रतिवादियों को अधिकतम 30 साल की जेल और वायर धोखाधड़ी और मेल धोखाधड़ी की के लिए 20 साल की कैद का सामना करना पड़ता है। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के प्रत्येक मामले में शाह को अधिकतम 10 साल की जेल की सजा हो सकती है. सजा सुना के लिए सुनवाई बाद में निर्धारित की जाएगी।

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एडवर्टाइजमेंट स्पेस ग्राहकों को बेचा
न्याय विभाग की ओर से जारी एक बयान में मंगलवार को कहा गया कि कंपनी ने डॉक्टर्स ऑफिस में टेलीविजन स्क्रीन और टैबलेट इंस्टॉल किए और फिर उन डिवाइसों पर एडवर्टाइजमेंट स्पेस ग्राहकों को बेची, जिनमें से अधिकांश दवा कंपनियां थीं. ट्रायल के दौरान पेश किए गए सबूतों के अनुसार, शाह, अग्रवाल और पर्डी ने विज्ञापन इन्वेंट्री बेची. कोर्ट ने कहा कि इन अंडर-डिलीवरी के बावजूद कंपनी ने अपने ग्राहकों को इनवॉइस किया जैसे कि उसने पूरी डिलीवरी की हो.

45 मिलियन का बिल
जूरी ने कहा कि शाह, अग्रवाल, और पर्डी ने झूठ बोला और ऐसा प्रतीत किया जैसे कि कंपनी ग्राहकों के अनुबंधों में स्क्रीन की संख्या में एडवर्टाइजिंग कंटेंट डिलीवर कर रही थी।सबूतो के अनुसार कंपनी के क्लाइंट को टारगेट करने वाली योजना 2011 में शुरू की, जो 2017 तक चली. इसके परिणामस्वरूप एडवर्टाइज सर्विस में कम से कम 45 मिलियन अमरीकी डालर का अधिक बिल आया.

शाह, अग्रवाल और पर्डी को कंपनी के निवेशकों को धोखा देने का भी दोषी ठहराया गया है.कंपनी के विज्ञापन ग्राहकों को कम डिलिवरी के परिणामस्वरूप वर्ष 2015 और 2016 के लिए कंपनी के राजस्व में भारी वृद्धि हुई थी। शाह, अग्रवाल, और Purdy ने कंपनी के 2015 और 2016 के ऑडिट की गई फाइनेंस डिटेल में अप्रैल 2016 में ऋण वित्तपोषण में 110 मिलियन अमरीकी डालर, दिसंबर 2016 में ऋण वित्तपोषण में 375 मिलियन अमरीकी डालर और 2017 इक्विटी फाइनेंस में 487.5 मिलियन अमरीकी डालर की शुरुआत में बढ़ाए गए राजस्व आंकड़ों का उपयोग किया।

फैसले से दुखी
शाह के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आज के फैसले से शाह को गहरा दुख हुआ है, और वह इस परिणाम को पलटने के लिए हर कोशिश करेंगे। पर्डी के एक वकील थिओडोर पोलोस ने एक बयान में कहा कि हम इस जटिल मामले में जूरी के फैसले से बहुत निराश हैं।

 

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