सो गए 37 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते विमान के दोनों पायलट, रनवे से आगे बढ़ने के 25 मिनट बाद खुली नींद

सुडान के खारतौम से इथोपिया के अदीस अबाबा के लिए उड़ान भर रहे एक विमान के दोनों पायलट सो गए। विमान ऑटोपायलट मोड पर था। विमान लैंडिंग के लिए तय एयरपोर्ट से आगे बढ़ गया, लेकिन पायलट सोते रहे। 25 मिनट बाद उनकी नींद खुली।
 

Contributor Asianet | Published : Aug 19, 2022 9:58 AM IST / Updated: Aug 19 2022, 03:41 PM IST

अदीस अबाबा (इथोपिया)। ड्राइवर को झपकी आने के चलते आपने बस, ट्रक और अन्य गाड़ियों के हादसे की खबर सुनी होगी, लेकिन तब क्या हो जब हवा में उड़ते विमान के पायलट को नींद आ जाए? ऐसी स्थिति से बचने के लिए विमान में दो पायलट होते हैं। एक पायलट को अगर नींद आ रही हो तो साथी पायलट विमान संभालता है और दूसरे पायलट को नींद दूर करने के लिए कहता है, लेकिन तब क्या हो जब दोनों पायलट सो जाएं? जी हां, ऐसी ही एक घटना अफ्रीका में हुई है। 

सुडान के खारतौम (Khartoum) से इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा के लिए उड़ान भर रहे विमान के दोनों पायलट सो गए। उस वक्त विमान 37 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था। विमान लैंडिंग के लिए तय रनवे से आगे बढ़ गया, लेकिन दोनों पायलट सोते रहे। लैंडिंग के लिए तय वक्त से 25 मिनट बात उनकी नींद खुली। 

ऑटोपायलट पर था विमान
एविएशन हेराल्ड के अनुसार बोइंग 737 विमान ऑटोपायलट पर था। विमान फ्लाइट मैनेजमेंट कम्प्यूटर द्वारा सेट किए गए रूट पर उड़ान भर रहा था। उसे अदीस अबाबा एयरपोर्ट के पहले से बताए गए रनवे पर लैंड करना था। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने पता किया कि फ्लाइट ने बताए गए रनवे पर लैंड नहीं किया। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर द्वारा किए गए कॉल का जवाब भी पायलटों की ओर से नहीं दिया जा रहा था। ऑटोपायलट से डिस्कनेक्ट होने के बाद घंटी जोर से बजी तब जाकर पायलटों की नींद खुली।

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इसके बाद पायलटों ने विमान को वापस मोड़ा और रनवे पर सेफ लैंडिग की। विमान ने करीब 2.5 घंटे बाद फिर से उड़ान भरी।  एविएशन एनालिस्ट एलेक्स मैकेरास ने एक ट्वीट में कहा कि यह काफी गंभीर मामला है कि 37 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा विमान अपने रनवे से आगे चला गया। पायलट की थकान एक पुरानी समस्या है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण समस्या है। पायलट की थकान कोई नई बात नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण खतरों में से एक है।

 


 

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