UK में हाईवे को जाम करना एक्टिविस्ट्स को पड़ा भारी, पांच साल की हुई जेल

दो साल पहले यूके के कुछ पर्यावरण एक्टिविस्ट्स को हाईवे जाम करना भारी पड़ गया। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले इन कार्यकर्ताओं को कोर्ट ने पांच साल की जेल की सजा सुनाई है।

UK Motorway Jam case: इंग्लैंड में पांच एक्टिविस्ट को मोटरवे यानी हाईवे को जाम करना भारी पड़ गया। हाईवे बाधित करने के आरोप में पांच एक्टिविस्ट्स को कोर्ट ने सजा सुनाई है। हाईवे बाधित करने पर लंबा जाम, एक्सीडेंट व अन्य आरोप में पांच एन्वायरनमेंट एक्टिविस्ट्स को सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने एक एक्टिविस्ट को पांच साल तो चार अन्य को चार साल की सजा सुनाई है। इन लोगों ने मोटरवे को चार दिनों तक जाम रखा था। कोर्ट ने इसे नागरिक असुविधा माना है। यह घटना नवम्बर 2022 की है।

दरअसल, नवम्बर 2022 में एन्वायरनमेंट एक्टिविस्ट्स रोजर हॉलम और डैनियल शॉ सहित कई कार्यकर्ताओं ने यूके की एम25 मोटरवे को जाम कर दिया था। पर्यावरण संबंधी मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ हुआ यह प्रदर्शन करीब 4 दिनों तक चला था। जस्ट स्टॉप ऑयल के कोआर्डिनेशन में विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कार्यकर्ताओं ने किया था। इस प्रदर्शन की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। गाड़ियों की कई किलोमीटर तक लंबी कतारें लग गई थीं। कई एक्सीडेंट भी इसकी वजह से हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्रदर्शन में 1.8 मिलियन पाउंड (19,47,28,935 रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ था।

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आरोपी बोले-जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे

कोर्ट में आरोपी एक्टिविस्ट ने कहा कि वह लोग जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जबकि कोर्ट ने धरना प्रदर्शन को व्यवधानकारी माना।

विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 11 कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया था। इनमें एक कार्यकर्ता को पांच साल की सजा सुनाई गई। जबकि चार दूसरे कार्यकर्ताओं को तीन से चार साल की सजा हुई।

यूके में 2022 में लागू हुआ था नया कानून

इंग्लैंड में विघटनकारी विरोधों को दबाने के उद्देश्य से बनाए गए नए नियमों के संबंध में यह सबसे लंबी सजा है। यूके में 2022 में एक नया कानून बनाया गया था। यह गंभीर सार्वजनिक नुकसान पहुंचाने वाली प्रत्यक्ष कार्रवाई को अपराध बनाता है। कानून का उद्देश्य ऐसी कार्रवाइयों को गंभीरता से लेना है जिसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है।

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