
कीव। जिन बच्चों के हाथों में कलम और किताबें होनी चाहिए यूक्रेन में इन दिनों वे बच्चें बंदूक लिए उसे चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यूक्रेन में रूस के आक्रमण (Ukraine Crisis) का खौफ हर तरफ दिख रहा है। यही कारण है कि यूक्रेन की सरकार आम लोगों को भी हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रही है ताकि रूसी सैनिकों द्वारा हमला किए जाने पर वे अपनी रक्षा कर सकें। इसी क्रम में बच्चों को भी सिखाया जा रहा है कि कैसे राइफल से गोली चलाई जाती है।
युवाओं को सोमवार को कीव (यूक्रेन की राजधानी) में एक कारखाने के मैदान में हथियारों का उपयोग करने का तरीका दिखाया गया। यूक्रेन के बच्चों को असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। ट्रेनिंग के दौरान कुछ बच्चे भारी असॉल्ट राइफलों को पकड़ने के लिए संघर्ष करते देखे गए। वहीं, कुछ बच्चों को रूसी AK47 की लकड़ी की प्रतिकृतियों के साथ प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम में सभी उम्र के बच्चों के शामिल होने की अनुमति थी। कार्यक्रम में बच्चों ने सैन्य रणनीति और आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जाना।
लड़ाई की तैयारियों में जुटा है यूक्रेन
अमेरिका ने आशंका जताई है कि रूस फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इसे देखते हुए यूक्रेन भी लड़ाई की तैयारियों में जुट गया है। इसके मद्देनजर यूक्रेन के आम लोग भी युद्ध के लिए तैयार होने लगे हैं। यूक्रेन की आर्मी उन्हें नकली बंदूकों के सहारे सैन्य अभ्यास करा रही है। कई शहरों में प्रादेशिक रक्षा बलों ने सैन्य अभ्यास में लोगों की भागीदारी बढ़ाने होर्डिंग्स लगाए हैं। इनमें लिखा गया कि लोग कैसे अपने घरों की रक्षा कर सकते हैं। यूक्रेन आर्मी आम लोगों को गुरिल्ला युद्ध की कला सिखा रही है। यानी छुपकर कैसे दुश्मनों पर हमला करना है।
माना जा रहा है कि अमेरिका ने भले ही रूस को चेतावनी दी है, लेकिन लगता नहीं कि वो यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सेना भेजेगा। नाटो का भी यही रवैया है। बेशक अमेरिका ने अपने 8500 सैनिक अलर्ट रखे हैं, लेकिन वो रूस पर हमला करने के बजाय आर्थिक नाकाबंदी की रणनीति तैयार कर रहा है। ब्रिटेन यूक्रेन को टैंक रोधी हथियार और बख़्तरबंद गाड़ियां मुहैया करा रहा है। उसने वादा भी किया था कि अगर रूस की सेना यूक्रेन की सीमा में घुसती है, तो ब्रिटेन भी नाटो सैन्य गठबंधन में अपनी फौज भेजेगा। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही है।
यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं एक लाख से अधिक रूसी सैनिक
बता दें कि यदि रूस आक्रमण के लिए बढ़ता है तो यूक्रेन में उसे बड़े पैमाने पर शत्रुतापूर्ण आबादी का सामना करना होगा। कीव इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार आधे देश ने कहा कि वे अपने गांवों, कस्बों और शहरों में रूसी सैनिकों का विरोध करेंगे। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा किया है।
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का कहना है कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है। वहीं, रूस का कहना है कि यूक्रेन पर हमला करने की उसकी कोई योजना नहीं है। रूस ने अमेरिका से मांग की है कि वह इस बात की गारंटी दे कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा। अमेरिका ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है।
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