सार

 भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस-यूक्रेन सीमा तनाव मामले में सभी पक्षों से राजनयिक चैनलों के माध्यम से जुड़ने का आग्रह किया। भारत ने कहा कि रूस-यूक्रेन तनाव को तत्काल कम करने की जरूरत है।

न्यूयॉर्क। भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में रूस-यूक्रेन सीमा तनाव (Russia Ukraine border tensions) मामले में सभी पक्षों से राजनयिक चैनलों के माध्यम से जुड़ने का आग्रह किया। भारत ने कहा कि रूस-यूक्रेन तनाव को तत्काल कम करने की जरूरत है। सभी देशों के सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव कम करने के लिए बातचीत के माध्यम से ही समाधान निकल सकता है। 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य (National Statement) देते हुए, संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। इसमें रूस और अमेरिका के बीच सुरक्षा वार्ता के साथ-साथ पेरिस में नॉर्मंडी प्रारूप के तहत बातचीत भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि भारत की रुचि एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य देश और पूरे क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो। हम सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में भी हैं। रूस-यूक्रेन सैन्य तनाव को कूटनीतिक बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है। इस संदर्भ में हम मिन्स्क समझौते (Minsk Agreement) और नॉरमैंडी प्रारूप (Normandy format) सहित चल रहे प्रयासों का स्वागत करते हैं।

तिरुमूर्ति ने कहा, "नॉरमैंडी प्रारूप के तहत पेरिस में हाल ही में बैठक संपन्न हुई। हम जुलाई 2020 के युद्धविराम (डोनबास में) के बिना शर्त पालन और चल रहे नॉरमैंडी प्रारूप के तहत काम के आधार के रूप में मिन्स्क समझौतों की पुन: पुष्टि का भी स्वागत करते हैं। विशेष रूप से आगे बढ़ने पर असहमति को कम करने के लिए सभी पक्षों की प्रतिबद्धता का भारत स्वागत करता है। हम दो सप्ताह में बर्लिन में मिलने के लिए उनके समझौते का भी स्वागत करते हैं।"

तनाव बढ़ाने वाले कदम से बचें
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत सभी पक्षों से सभी राजनयिक चैनलों के माध्यम से जुड़ना जारी रखने और "मिन्स्क पैकेज" के पूर्ण कार्यान्वयन की दिशा में काम करना जारी रखने का आग्रह करता है। शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की मांग है। अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हासिल करने के व्यापक हित में तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से सभी पक्षों को बचना चाहिए।

भारतीय राजनयिक के अनुसार, बीस हजार से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं और पढ़ते हैं, जिसमें इसके सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों की भलाई हमारे लिए प्राथमिकता है।

 

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