सार
यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव(Russia Ukraine Conflict) सीजफायर पर रजामंदी के बावजूद बना हुआ है। अमेरिका ने अपने सैनिकों को हाईअलर्ट पर रखा हुआ है। रूस ने भी यूक्रेन की सीमा पर अपने करीब 106,000 सैनिक जमा कर रखे हैं।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. पेरिस में सीजफायर पर रजामंदी के बावजूद यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव(Russia Ukraine Conflict) बना हुआ है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर अपने करीब 106,000 सैनिक जमा कर रखे हैं। वहीं, अमेरिका ने भी अपने सैनिकों को हाईअलर्ट पर रखा हुआ है। हालांकि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन(US Secretary of Defense Lloyd Austin) ने कहा कि यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों के जवाब में अमेरिका ने अभी अपने सैनिकों को नहीं भेजा है। हां, उन्हें हाई अलर्ट पर रखा है। लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को रूस से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बजाय राजनयिक रास्ता अपनाने का अनुरोध किया है। अमेरिका को आशंका है कि अगले महीने तक रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब 26 जनवरी को दोनों देशों के बीच टकराव टालने बुधवार को पेरिस में चली करीब 8 घंटे की मीटिंग के बाद दोनों देशों; खासकर रूस के तेवरों में कमी आई है। यानी दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हैं।
पुतिन ने कहा था कि वे हमला नहीं करेंगे
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Russian president Vladimir Putin) इसे इनकार कर चुके हैं कि वे पड़ोसी मुल्क यानी यूक्रेन पर हमला करने का इरादा रखते हैं। इधर, नाटो ने कहा कि वह पूर्वी यूरोप में अपनी तैनाती के लिए अतिरिक्त जहाज और लड़ाकू जेट भेज रहा है, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन से राजनयिकों के परिवारों को वापस ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मास्को ने सैन्य अभ्यास के लिए पड़ोसी देश बेलारूस में सैनिकों और सामग्रियों को स्थानांतरित कर दिया है। अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा कि पुतिन अपने सैनिकों को सीमा से दूर हटने का आदेश दे सकते हैं। यानी युद्ध टाला जा सकता है। साथ ही अमेरिका ने चेतावनी दी कि अगर युद्ध होता है, तो बड़ी संख्या में लोग हताहत होंगे। यह बहुत भयानक होगा।
कोई नहीं चाहता युद्ध
मॉस्को (Moscow) में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन (John Sullivan) ने कहा कि रूस कह रहा है कि वो युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन यूक्रेन की सीमाओं पर बड़े पैमाने पर सैनिकों को तैनात करके रूस अमेरिका के साथ ‘टेबल पर बंदूक’ रखकर बातचीत कर रहा है।
यह है विवाद की मुख्य वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
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