रूस के खिलाफ यूक्रेन ने किया इस भयानक हथियार का इस्तेमाल, देखें कयामत की बारिश

यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध में एक नए हथियार का इस्तेमाल शुरू किया है। 'ड्रैगन' कहा जाने वाला यह ड्रोन पिघली हुई धातु गिराता है। इससे जमीन पर मौजूद सभी चीज जल जाते हैं।

Vivek Kumar | Published : Sep 7, 2024 10:57 AM IST / Updated: Sep 07 2024, 04:31 PM IST

वर्ल्ड डेस्क। रूस के साथ चल रही लड़ाई में यूक्रेन (Russia Ukraine War) ने एक भयानक हथियार का इस्तेमाल किया है। यह ऐसा ड्रोन है जो कम ऊंचाई पर उड़ते हुए पिघले हुए धातु की बारिश करता है। देखने से लगता जैसे आग की बारिश हो रही हो। जमीन पर ये जहां गिरते हैं कयामत लाते हैं। सबकुछ जल जाता है।

यूक्रेन ने सोशल मीडिया पर इस हमले के वीडियो शेयर किए हैं। साथ ही बताया गया है कि ड्रोन ने रूसी कब्जे वाले ठिकानों पर हमला किया है। वीडियो में ड्रोन को पिघली हुई धातु गिराते दिखाया गया है। यह एल्युमिनियम पाउडर और आयरन ऑक्साइड का सफेद-गर्म मिश्रण है। इसे थर्माइट कहा जाता है। यह 2,200 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहता है। यह रूसी सैनिकों को कवर देने वाले पेड़ों को जला देता है। अगर किसी सैनिक पर गिरे तो उसकी मौत हो सकती है।

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ड्रोन से गिरते समय थर्माइट ड्रैगन (चीन की पौराणिक कहानियों के उड़ने वाले जानवर) के मुंह से निकलती आग जैसा दिखता है। इसके चलते ड्रोन को ड्रैगन भी कहा जा रहा है।

यूक्रेन की 60वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा गया, "स्ट्राइक ड्रोन हमारे प्रतिशोध के पंख हैं। ये आसमान से आग बरसाते हैं। वे दुश्मन के लिए खतरा बन जाते हैं। उसके ठिकाने को इतनी सटीकता से जला देते हैं कि कोई अन्य हथियार ऐसा नहीं कर सकता।"

 

 

क्या है थर्माइट? जर्मन वैज्ञानिक ने की थी खोज

थर्माइट एक प्रकार का आग लगाने वाला हथियार है। इसके अलावा नेपाम और सफेद फॉस्फोरस भी आग लगाने वाले हथियारों का एक प्रकार है। थर्माइट धातु सहित लगभग किसी भी चीज को आसानी से जला सकता है। इसलिए इससे सुरक्षा बहुत कम है। इसकी खोज 1890 के दशक में एक जर्मन वैज्ञानिक ने की थी। इसका प्रयोग रेल की पटरियों को वेल्ड करने के लिए किया जाता था।

प्रथम विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने इसे ब्रिटेन के ऊपर बम के रूप में जेपेलिंस से गिराया। जर्मनी और मित्र राष्ट्रों दोनों ने द्वितीय विश्व युद्ध में थर्माइट हवाई बमों का इस्तेमाल किया। यूक्रेन ने पहले भी रूसी टैंकों को स्थायी रूप से निष्क्रिय करने के लिए ड्रोन से गिराए गए थर्माइट का उपयोग किया है। थर्माइट को सीधे हैच के माध्यम से गिराया जाता है। यह तुरंत जलने लगती है जिससे बहुत अधिक गर्मी पैदा होती है। यह जिसपर गिरती है उसे नष्ट कर देती है।

इंसान के शरीर पर थर्माइट क्या असर डालता है?

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत थर्माइट को सैन्य युद्ध के लिए प्रतिबंधित नहीं किया गया है। इसे आम लोगों के रहने वाली जगहों पर इस्तेमाल करने पर रोक है। अगर किसी इंसान के शरीर पर थर्माइट पड़ जाए तो इसके भयानक असर होते हैं। ये मांसपेशियों, नसों, खून की नलियों और यहां तक कि हड्डियों को भी जला देते हैं।

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