यूके सरकार का बड़ा फैसला, भारतीय छात्रों को झटका: ऋषि सुनक सरकार का ऐलान-पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों के परिजन को नहीं मिलेगा वीजा

भारत के तमाम स्टूडेंट्स यूके पढ़ने के लिए जाते थे और उनके परिवार के सदस्य भी इसी आधार पर वर्क वीजा हासिल कर लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

Dheerendra Gopal | Published : May 25, 2023 11:47 AM IST / Updated: May 25 2023, 06:10 PM IST

UK Visa reforms news: पढ़ाई करने के लिए यूके जाने वाले छात्रों को ऋषि सुनक सरकार ने बड़ा झटका दिया है। यूनाइटेड किंगडम ने वीजा सुधारों को लागू करने का ऐलान किया है। यूके सरकार ने पढ़ाई के लिए आने वाले विदेशी छात्रों के साथ परिवार के सदस्यों के आने को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके पहले छात्र अपने परिवार के सदस्यों के साथ यूके पढ़ाई के लिए जा सकते थे। इंग्लैंड के इस कदम से भारतीय छात्रों के परिवार संग जाने के मंसूबे पर पानी फिर गया है। दरअसल, भारत के तमाम स्टूडेंट्स यूके पढ़ने के लिए जाते थे और उनके परिवार के सदस्य भी इसी आधार पर वर्क वीजा हासिल कर लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के परिवारीजन से सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव

यूके सरकार ने नए इमिग्रेशन रूल्स की घोषणा की जिसका उद्देश्य इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के परिवार के सदस्यों की संख्या को सीमित करना है। सरकार इस कदम से छात्रों के आश्रितों को दिए जाने वाले वीजा में हुई तेज वृद्धि को रोकने में कामयाब होगी।

UK की शिक्षा मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने ट्विटर पर कहा कि परिवार के सदस्यों को लाने वाले छात्रों में वृद्धि की वजह से सार्वजनिक सेवाओं पर अस्वभाविक दबाव पड़ रहा है। सरकार ने यह फैसला माइग्रेशन को कम करने के लिए किया है। इस निर्णय से ऐसे लोगों को वर्क वीजा नहीं मिलेगी जो यहां अध्ययन करने आने वाले स्टूडेंट्स के बल पर आते हैं। 

तीन साल में आठ गुना बढ़ा आश्रित वीजा

यूनाइटेड किंगडम के एक आंकड़े के अनुसार बीते दिसंबर 2022 में छात्रों के परिवारीजन या उनके आश्रित को जारी किए गए वीजा की संख्या 136000 थी। यह संख्या साल 2019 में 16 हजार थी। यानी कि तीन साल में यह संख्या आठ गुना बढ़ी है। रिकॉर्ड के अनुसार यूके में केवल जून 2021 से जून 2022 के बीच नेट माइग्रेशन संख्या बढ़कर 504000 हो गई है।

यूके विश्वविद्यालयों की प्रतिनिधि संस्था ने जताई चिंता

140 यूके विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि निकाय, यूनिवर्सिटीज़ यूके इंटरनेशनल (यूयूकेआई) के निदेशक जेमी एरोस्मिथ ने महिला छात्रों और विशिष्ट देशों के छात्रों पर इन परिवर्तनों के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की। हालांकि, UUKi ने ग्रेजुएट रूट वीज़ा बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का स्वागत किया, जो छात्रों को उनकी डिग्री के बाद तीन साल तक यूके में रहने और कार्य अनुभव प्राप्त करने देता है।

परिजन या आश्रितों को लाने में दूसरे नंबर पर भारतीय

यूके में पढ़ाई करने जाने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स में नाईजीरिया के छात्र टॉप पर हैं जो अपने परिजन या आश्रितों को लाते हैं। परिवार के सदस्यों को लाने में भारतीय छात्र दूसरे नंबर पर हैं। भारत के बाद चीन का नंबर आता है।

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