
Unrecognized Nation Atlantium: दुनिया में फिलहाल 195 देश हैं, जिनका अपना झंडा, मुद्रा और एक पहचान है। लेकिन क्या आप जानते हैं, उस देश के बारे में जिसे सिर्फ 3 दोस्तों ने मिलकर मजाक-मजाक में बना दिया था। हालांकि, वर्तमान में स्थापित किसी भी देश ने इसे संप्रभु राष्ट्र नहीं माना है, लेकिन 3000 से ज्यादा लोगों के पास इस देश की नागरिकता है। आखिर क्या है इस देश के बनने की कहानी, आइए जानते हैं।
आज से 44 साल पहले यानी 1981 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के एक सब-अर्बन इलाके में रहने वाले जॉर्ज फ्रांसिस क्रुकशैंक नाम के लड़के के दिमाग में एक खुराफात सूझी। उसने अपने दो दोस्तों जैफ्री जॉन डुग्गन और क्लेयर मैरी कुल्टर के साथ मिलकर मजाक-मजाक में घर के पीछे एक सीमा रेखा खींची। बाद में इन तीनों ने मिलकर इसे एक नए देश का नाम दे दिया।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों दोस्तों ने 10 वर्ग मीटर (110 वर्गफीट) क्षेत्रफल वाले इस देश का नाम 'अटलांटियम साम्राज्य' रखा। साथ ही इस अस्थायी क्षेत्र 'ऑरोरा' को अटलांटियम की राजधानी घोषित किया। क्रुकशैंक ने खुद को सम्राट जॉर्ज द्वितीय की उपाधि के साथ इस देश का राष्ट्राध्यक्ष घोषित किया।
जेफ्री डुग्गन 1982 में अटलांटिस साम्राज्य के प्रधानमंत्री चुने गए और 1986 तक इस पद पर रहे। डेमियन स्कॉट 1986 से 1988 तक इस पद पर रहे और केविन फैनुची 1988 में प्रधानमंत्री बने। इतना ही नहीं, इस देश का एक झंडा बनाकर भी फहराया गया। उन्होंने अपनी मुद्रा और डाक टिकट भी जारी किए। साथ ही एक नया कैलेंडर सिस्टम भी अपनाया है।
अक्टूबर, 2015 तक 100 से ज़्यादा देशों के लगभग 3000 से ज्यादा लोगों के पास अटलांटियम की सिटिजनशिप थी। इस देश की अपनी वेबसाइट पर मंत्री, निदेशक, मजिस्ट्रेट और शाही दूत जैसे पदों पर बैठे लोगों के नाम दिए गए हैं। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि वे सभी दोहरी नागरिकता रखते हैं। यानी उनके पास अपने असली देश के अलावा अटलांटियम की भी सिटिजनशिप है। बता दें कि अटलांटियम साम्राज्य एक तरह से माइक्रोनेशन और सेकुलर प्रोगेसिव लोगों का ग्रुप है, जो ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में स्थित है।
10 वर्गमीटर यानी 110 स्क्वेयर फीट के अटलांटियम के छोटे से क्षेत्र में 3000 लोग इसलिए रहते हैं, क्योंकि ये एक माइक्रोनेशन है, जो मुख्य रूप से एक प्रतीकात्मक और आभासी राष्ट्र है। इस देश की नागरिकता वास्तव में एक भौतिक क्षेत्र के साथ अटैच नहीं है। यानी अटलांटियम की नागरिकता रखने वाले लोग हकीकत में दुनिया भर में अपने-अपने देशों में रहते हैं और वहां की राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं, क्योंकि अटलांटियम की नागरिकता अन्य देशों की नागरिकता में दखलंदाजी नहीं करती है।
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