संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका और रूस के बीच नोकझोंक हो गई। अमेरिका ने रूस को यूक्रेन में एक 'भयानक' युद्ध की चेतावनी दी है। वहीं, रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह रूसी आक्रमण का ढोल बजा रहा है।
न्यूयॉर्क। अमेरिका और रूस के बीच सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) पर विवाद हो गया। अमेरिका ने रूस को यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में "भयानक" युद्ध की चेतावनी दी। वहीं, रूसी राजनयिकों ने कहा कि सैन्य संघर्ष के खतरे को कम करने का फैसला करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने एक विशेष खुले सत्र के दौरान परिषद को बताया कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से वैश्विक सुरक्षा को खतरा होगा। उन्होंने कहा, "सहयोगियों, यूरोप में हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह खतरनाक है। यूक्रेन और संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य देश के लिए दांव अधिक नहीं हो सकते हैं। रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे "भयानक" परिणामों की चेतावनी है। रूस की कार्रवाइयां संयुक्त राष्ट्र चार्टर के केंद्र में हैं। यह शांति और सुरक्षा के लिए उतना ही स्पष्ट और परिणामी खतरा है जितना कोई कल्पना कर सकता है।"
अमेरिका बजा रहा खतरे का ढोल
सोमवार को रूस के संयुक्त राष्ट्र के दूत वसीली नेबेंज्या ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर मास्को द्वारा नियोजित आक्रमण से बार-बार इनकार करने के बावजूद युद्ध के खतरे का ढोल बजाने का आरोप लगाया। सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान वसीली नेबेंज्या ने कहा कि युद्ध के खतरे के बारे में चर्चा अपने आप में उत्तेजक है। आप लगभग इसके लिए बुलावा दे रहे हैं। आप चाहते हैं कि ऐसा हो। आप ऐसा होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं जैसे कि आप अपने शब्दों को वास्तविकता बनाना चाहते हैं।
वसीली नेबेंज्या ने कहा, "यह इस तथ्य के बावजूद है कि हम इन आरोपों को लगातार खारिज कर रहे हैं और यह इस तथ्य के बावजूद है कि इस अवधि के दौरान किसी भी रूसी राजनेता या सार्वजनिक व्यक्ति ने यूक्रेन में योजनाबद्ध आक्रमण का कोई खतरा नहीं बताया है।"
बाइडेन ने दी 'गंभीर परिणाम' की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र सत्र के बाद व्हाइट हाउस ने एक बार फिर रूस से राजनयिक रूप से गतिरोध को हल करने का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान में कहा, "यदि रूस बातचीत के माध्यम से हमारी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के बारे में ईमानदार है तो अमेरिका और हमारे सहयोगी अच्छे विश्वास के साथ जुड़े रहेंगे। अगर इसके बजाय रूस कूटनीति से दूर जाने और यूक्रेन पर हमला करने का विकल्प चुनता है तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा।"
दरअसल, रूस ने यूक्रेन के साथ सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों को इकट्ठा कर एक राजनयिक संकट को जन्म दिया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों की आशंका है कि रूस यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहा है। रूस ने इनकार किया है कि वह आक्रमण करने की योजना बना रहा है, लेकिन उसने नाटो में शामिल होने के यूक्रेन के प्रयासों का कड़ा विरोध किया है। रूस सुरक्षा गारंटी चाहता है कि अमेरिका के नेतृत्व वाला गठबंधन (NATO) पूर्व सोवियत गणराज्यों में अपने विस्तार को रोक देगा। अमेरिका और नाटो ने रूस की इस मांग को खारिज कर दिया है।
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