
अमेरिका श्री अष्टलक्ष्मी हिंदू मंदिर। भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने अमेरिका के टेक्सास में श्री अष्टलक्ष्मी हिंदू मंदिर और उसके मूल संगठन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसके तहत 1 मिलियन डॉलर ( 8 करोड़) का मुआवजे की मांग की गई है। मंदिर संगठन पर पीड़ित हिंदू व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बीते साल एक धार्मिक समारोह के दौरान उसके 11 वर्षीय बेटे को गर्म लोहे की छड़ से दागकर धार्मिक टैटू बनाया था। 1 साल के बच्चे को हिंदू भगवान विष्णु की आकृति बनाकर उसके कंधे पर दो जगहों पर गर्म रॉड से दागा गया। इसकी वजह से उसके बेटे को काफी तकलीफ हुई और अजीबो-गरीब निशान दोनों कंधों पर उभर आए।
टेक्सास के शुगर लैंड में स्थित श्री अष्टलक्ष्मी हिंदू मंदिर पर आरोप लगाने वाले विजय चेरुवु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरी प्राथमिक चिंता मेरे बेटे की भलाई के लिए है। विजय चेरुवु टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी में रहते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे की काफी चिंता है। वो इस घटना के बाद से काफी सदमे में है और मुझे उसकी फ्रिक सता रही है। फोर्ट बेंड काउंटी में दायर मुकदमे के अनुसार चेरुवु मंदिर और उसके मूल संगठन जीयार एजुकेशनल ट्रस्ट (JET)से 1 मिलियन डॉलर से अधिक की मुआवजे की मांग कर रहा है। पिता ने आरोप लगाया है कि मंदिर ने बिना उनके अनुमति के लड़के की ब्रांडिंग कर दी।
टेक्सास में बच्चे को दागना या गोदना कानून के खिलाफ
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर समारोह में हुए धार्मिक कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए थे। इसमें 3 बच्चे भी शामिल थे, जिनमें से एक चेरुवु का बेटा था। इस दौरान चेरुवु की पूर्व पत्नी ने लड़के को मंदिर ले गई। जहां पर लड़के को उसकी इच्छा के विरुद्ध और उसके पिता की जानकारी या सहमति के बिना गर्म लोहे की छड़ से दागा गया। चेरुवु के वकील ब्रैंट स्टोगनर ने बताया कि टेक्सास में बच्चे को दागना, गोदना या दागना कानून के खिलाफ है, भले ही माता-पिता सहमत हों। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लड़के को गंभीर दर्द, स्थायी विकृति का अनुभव हुआ और ब्रांडिंग से संक्रमण हो गया।
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