NATO Summit: बाइडेन-जेलेंस्की की मीटिंग, यूक्रेन प्रेसीडेंट ने NATO सदस्यता को लेकर कही बड़ी बात

नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन समिट (NATO Summit) के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात होगी। मीटिंग से जुड़े उच्चाधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है।

Manoj Kumar | Published : Jul 11, 2023 2:44 AM IST

NATO Summit. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान होने वाले नाटो समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोदोमीर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। यह मीटिंग दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने वाला होगा। इस दौरान रूस-यूक्रेन वार को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होगी। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि मौजूदा हालात को देखते हुए आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन को मीलिट्री सहयोग पर भी व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा।

रूस-यूक्रेन के हालात पर होगी चर्चा

रिपोर्ट्स के अनुसार इस मीटिंग के दौरान सबसे बड़ा एजेंडा रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा मौजूदा युद्ध होगा। साथ ही कीव को मीलिट्री सहयोग कैसे जारी रखा जाए, इस पर भी रणनीति तय की जाएगी। यूक्रेन को नाटो की सदस्यता को लेकर भी वार्ता की जाएगी। पिछले सप्ताह ही अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने के लिए तैयार हो चुका है। नाटो की सदस्यता के लिए कुछ प्रोसेस हैं, जिसे अभी फॉलो किया जाना है। कई मुद्दों पर अभी सहमति बनाई जाएगी।

क्या कहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन

हाल ही में सीएनएन के फरीद जकारिया को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी प्रेसीडेंट ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि यूक्रेन अभी नाटो की सदस्यता के लिए तैयार है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने यह भी कहा था कि ऐसा कोई दबाव नहीं है कि युद्ध के बीच ही यूक्रेन को नाटो सदस्यता के लिए तैयार किया जाए। उन्होंने कहा था युद्ध जारी रहता है तो हम सभी युद्ध में हैं। कहा कि हम सभी रूस के साथ युद्ध में हैं। ऐसे हालात बने रहे तो यूक्रेन को नाटो की सदस्यता स्वीकार करनी चाहिए।

जेलेंस्की ने क्या कहा

वहीं एबीसी के साथ इंटरव्यू के दौरान यूक्रेनी प्रेसीडेंट जेलेंस्की ने कहा कि मैं यह साफ करना चाहता हूं कि नाटो रूस से बिलकुल भी नहीं डरता है। नाटो में शामिल न होने के बावजूद यूक्रेन सुरक्षा की गारंटी चाहता है। इन शर्तों के साथ ही यह मीटिंग सक्सेसफुल होगी, अन्यथा इसे सिर्फ राजनीति कहा जाना चाहिए। पिछले कुछ महीनों की बाद करें तो बाइडेन और जेलेंस्की के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि कीव के बाहर दोनों नेताओं की यह पहली मीटिंग होगी।

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