
Donald Trump warns BRICS: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी दी कि जो भी देश ब्रिक्स समूह की "अमेरिका विरोधी नीतियों" का समर्थन करेगा उसे अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, "ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।"
हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि वे किन खास नीतियों को "अमेरिका विरोधी" मानते हैं। एक अलग पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन कई देशों को नए टैरिफ नियमों और संशोधित व्यापार समझौते की शर्तों की रूपरेखा तैयार करते हुए आधिकारिक पत्र भेजना शुरू कर देगा। पत्रों का पहला सेट अलग-अलग देशों को रात 9:30 बजे (भारतीय समयानुसार) भेजा जाएगा।
उन्होंने लिखा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ अमेरिका के टैरिफ पत्र 7 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे से बांटे जाएंगे। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।"
ब्रिक्स का गठन 2009 में हुआ था। ब्राजील, रूस, भारत और चीन इसके मूल सदस्य हैं। बाद में दक्षिण अफ्रीका भी इसमें शामिल हो गया। पिछले साल इस समूह का विस्तार किया गया। मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स में शामिल किया गया।
ट्रंप की यह टिप्पणी ब्रिक्स नेताओं द्वारा "रियो डी जेनेरो घोषणापत्र" जारी करने के कुछ ही घंटों बाद आई है, जिसमें वाशिंगटन के पारस्परिक टैरिफ की आलोचना की गई है और चेतावनी दी गई है कि "टैरिफ में अंधाधुंध वृद्धि" वैश्विक व्यापार को कमजोर करने का खतरा है। हालांकि, समूह ने अपने आधिकारिक बयान में डोनाल्ड ट्रंप या संयुक्त राज्य अमेरिका का नाम नहीं लिया।
ट्रंप ने ये बातें ब्रिक्स नेताओं द्वारा "रियो डी जेनेरो घोषणापत्र" जारी करने के कुछ ही घंटों बाद कहीं हैं। घोषणापत्र में अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) की आलोचना की गई है। चेतावनी दी गई है कि टैरिफ बढ़ाने से वैश्विक व्यापार के कमजोर होने का खतरा है। ब्रिक्स ने अपने आधिकारिक बयान में डोनाल्ड ट्रंप या अमेरिका का नाम नहीं लिया।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।