अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: 4 सितंबर को कमला हैरिस के साथ बहस के लिए तैयार ट्रम्प

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) चार सितंबर को डेमोक्रेट पार्टी की कमला हैरिस के साथ बहस करने के लिए तैयार हो गए हैं। कमला हैरिस की ओर से इसके लिए सहमति की जानकारी नहीं आई है।

वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US presidential election) हो रहे हैं। मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट पार्टी की कमला हैरिस के बीच है। दोनों 4 सितंबर को फॉक्स न्यूज पर बहस कर सकते हैं। ट्रम्प ने इसके लिए सहमति दे दी है।

ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "मैंने 4 सितंबर को कमला हैरिस के साथ बहस करने के लिए फॉक्स न्यूज के साथ सहमति व्यक्त की है। लेकिन यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि हैरिस बहस के लिए सहमत हैं या नहीं।" ट्रम्प ने कहा कि नई बहस पेंसिल्वेनिया में लाइव दर्शकों के साथ आयोजित की जाएगी। मॉडरेटर फॉक्स न्यूज के होस्ट ब्रेट बैयर और मार्था मैककैलम होंगे।

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पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अब वे उस बहस में भाग नहीं लेंगे, जिसका आयोजन एबीसी द्वारा किया जाना था। इस बहस के लिए जिस समय ट्रम्प ने सहमति दी थी तब वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन संभावित डेमोक्रेटिक उम्मीदवार थे। टीवी बहस में ट्रम्प से पिछड़ने के बाद बाइडेन ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अगला राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार किया था। उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को आगे बढ़ाया था।

जून में CNN पर ट्रम्प के खिलाफ बाइडेन ने किया था बहस

जो बाइडेन ने जून में CNN पर ट्रम्प के खिलाफ बहस किया था। यह उनके लिए खराब अनुभव था। इसके बाद ट्रम्प और बाइडेन के बीच अगली बहस 10 सितंबर को ABC टेलीविजन पर होनी थी। पहले इस बहस कार्यक्रम के बने रहने की उम्मीद थी। माना जा रहा था कि बाइडेन की जगह कमला हैरिस आएंगी। हालांकि ट्रम्प के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने पिछले सप्ताह कहा कि हैरिस के औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने से पहले इसे शेड्यूल करना "अनुचित" था।

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बेहद अहम है टीवी बहस

गौरतलब है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान टीवी बहस बेहद अहम होते हैं। दोनों पार्टियों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बहस में आमने सामने होते हैं। वे जनता के सामने एक दूसरे के खिलाफ अपने तर्क रखते हैं। बताते हैं कि वह क्यों अपने प्रतिद्वंद्वी से बेहतर हैं। सरकार बनाने के बाद किस तरह काम करेंगे। उनका फोकस किन बातों पर होगा। बहस से जनता को अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनने में मदद मिलती है।

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