पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump shooting) पर हमला होने के बाद से अमेरिका की सीक्रेट सर्विस सवालों के घेरे में है। सीक्रेट सर्विस का काम राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवार की रक्षा करना है।
वाशिंगटन। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) पर गोली चलाए जाने के बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस (US Secret Service) पर सवाल उठ रहे हैं। जांच की जा रही है कि किस तरह एक बंदूकधारी सीक्रेट सर्विस के एजेंटों को चकमा देकर ट्रंप पर गोली चलाने में सफल रहा।
बंदूकधारी ट्रम्प के मंच से करीब 140 मीटर दूर एक छत पर पहुंच गया और ट्रम्प पर गोली चला दी। गोली ने ट्रम्प के कान को चीर दिया। उनकी जान जाते-जाते बची। ट्रम्प की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने तुरंत ट्रम्प के चारों ओर घेरा बनाया। उन्हें मंच से नीचे उतारा और बंदूकधारी को मार गिराया। हमलावर की पहचान थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में हुई है। उसने AR-15 राइफल से गोली चलाई। सुरक्षा विशेषज्ञ इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह सीक्रेट सर्विस की बड़ी विफलता है।
क्या है यूएस सीक्रेट सर्विस?
सीक्रेट सर्विस अमेरिका की सबसे पुरानी संघीय जांच कानून प्रवर्तन एजेंसियों में से एक है। इसकी स्थापना 1865 में अब्राहम लिंकन ने की थी। इसे गृह युद्ध के बाद अमेरिकी मुद्रा की जालसाजी से निपटने के लिए बनाया गया था। 1901 में राष्ट्रपति विलियम मैककिनले की हत्या के बाद इसने राष्ट्रपतियों की सुरक्षा शुरू की। सीक्रेट सर्विस के कितने एजेंट सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि सुरक्षा पाने वाले को कितना खतरा है।
क्या है यूएस सीक्रेट सर्विस का काम?
यूएस सीक्रेट सर्विस का काम अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपतियों, उनके परिवारों और अन्य उच्च-स्तरीय राजनीतिक हस्तियों, जिनमें राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी शामिल हैं की सुरक्षा करना है।
डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम?
डोनाल्ड ट्रम्प को पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने के नाते सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा मिली हुई है। सीक्रेट सर्विस के एजेंट ट्रम्प की सुरक्षा के सारे इंतजाम करते हैं। वे सुरक्षा के सबसे करीबी घेरा हैं। चुनाव के चलते ट्रम्प अगर जनसभा करते हैं तो सीक्रेट सर्विस द्वारा आयोजन स्थल को स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से सुरक्षित किया जाता है।
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ट्रम्प के आने से पहले आयोजन स्थल को सीक्रेट सर्विस द्वारा स्कैन किया जाता है। ट्रम्प के काफिले में भी सीक्रेट सर्विस से एजेंट होते हैं। सभा में आने वाले लोगों और उनके बैग की तलाशी ली जाती है। गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए जाते हैं। सभा के आसपास के ऊंचे भवनों और अन्य जगहों पर नजर रखी जाती है। सीक्रेट सर्विस द्वारा काउंटर स्नाइपर्स तैनात किये जाते हैं। इनका काम यह देखना है कि कोई स्नाइपर ट्रम्प पर हमला करने वाला तो नहीं है। ट्रम्प पर हुए हमले में सीक्रेट सर्विस के काउंटर स्नाइपर्स ने हमलावर को गोली मारी।