अमेरिकी ड्रोन स्ट्राइक में Al-Qaida लीडर अल-जवाहिरी मारा गया, हिजाब कंट्रोवर्सी में भी भारत के खिलाफ बोला था

अमेरिका ने अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमने में अलकायदा लीडर अल जवाहिरी को मार गिराया है। अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को इसकी पुष्टि की है। 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से जवाहिरी ही इसे संभाल रहा था। 

वर्ल्ड न्यूज. अफगानिस्तान में अमेरिकी खुफिया एजेंसी(CIA) ने एक ड्रोन हमले में अलकायदा लीडर अल जवाहिरी को मार गिराया है। अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को इसकी पुष्टि की है। 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से जवाहिरी ही इसे संभाल रहा था। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अलकायदा की ताकत बढ़ती जा रही है। बता दें जवाहिरी वही आतंकवादी है, जिसने कर्नाटक में हिजाब विवाद में बेवजह बयान दिया था। उसने हिजाब गर्ल मुस्कान का समर्थन किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अयमान अल-जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि अब न्याय मिल गया है और यह आतंकवादी नेता नहीं रहा।

अमेरिका में 11 सितंबर, 2011 को हुए आतंकी हमले में था हाथ
मिस्र का सिविल सर्जन डॉ. अल जवाहिरी पर इल्जाम था कि उसने 11 सितंबर, 2011 में अमेरिका में हुए आतंकी हमले में 4 विमानों को हाईजैक किया था। इनमें से 2 विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर(WTC) के टॉवर्स से टकराए थे। तीसरा विमान अमेरिका रक्षा मंत्रालय(पेंटागन) से टकराया था। चौथा विमान शेंकविल में एक खेत में क्रैश हो गया था। सदी के इस सबसे बड़े आतंकी हमले में 3000 लोग मारे गए थे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से अमेरिकी मीडिया ने बताया कि रविवार को अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ड्रोन स्ट्राइक की थी। अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा के खिलाफ अभियान चला रखा है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के उल्लंघन का मामला बताया है। अफगानिस्तान के गृहमंत्रालय के प्रवक्ता नफी ताकोर ने बताया कि पहले शेरपुर में एक घर पर रॉकेट से अटैक किया गया।

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तालिबान के हाथ में आने के बाद अफगानिस्तान में फिर बढ़ रहा आतंकवाद का गढ़
ISIL-खुरासान ने उत्तरी और पूर्वी अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। यदि आतंकी समूह पूर्वी हिस्से में अपने खोए हुए क्षेत्र को फिर से हासिल कर लेता है, तो तालिबान के लिए मुश्किल होगा। आईएसआईएल (Da'esh), अल-कायदा और इनसे संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं से संबंधित संकल्प 2610 (2021) यानी  resolution 2610 (2021)  के अनुसार एनालिटिकल सपोर्ट एंड सेशंस मॉनिटरिंग टीम की 30 वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में स्थिति जटिल बनी हुई है। अफगानिस्ता में मौजूद इंटरनेशनल टेरोरिस्ट ऑर्गेनाइजेशन तालिबान की जीत को मध्य और दक्षिण एशिया के पड़ोसी क्षेत्रों और विश्व स्तर पर अपने प्रचार-प्रसार के लिए एक मोटिवेशेनल फैक्टर के रूप में देखते हैं।

भारतीय उपमहाद्वीप में 400 लड़ाके 
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल-के ने उत्तरी और पूर्वी अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। इसमें मध्य एशिया के लड़ाके भी शामिल हैं, जिन्होंने उत्तर में गतिविधियां बढ़ाई हैं। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि आईएसआईएल-के पूर्वी अफगानिस्तान में खोए हुए क्षेत्र को फिर से हासिल कर सकता है या नहीं।  रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल-के अन्य आतंकवादी समूहों के सदस्यों की भर्ती के साथ-साथ अप्रभावित तालिबान लड़ाकों और असंतुष्ट स्थानीय जातीय अल्पसंख्यकों को आकर्षित करके अपनी क्षमताओं को मजबूत करना चाहता है। रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अप्रैल 2022 में, ISIL-K ने दावा किया कि उसने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में रॉकेट दागे थे। हालांकि दोनों देशों ने इस बात से इनकार किया कि रॉकेट उनके क्षेत्र में पहुंच गए हैं, लेकिन इसी तरह के हमलों का खतरा बना हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तालिबान शासन के तहत अल-कायदा को अफगानिस्तान में अधिक स्वतंत्रता प्राप्त है। भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) में मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान में अल-कायदा के 180 से 400 लड़ाके होने की सूचना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अफगानिस्तान में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों (3,000 से 4,000 के बीच) का सबसे बड़ा घटक है।

हिजाब गर्ल के सपोर्ट में दिया था बयान
यह मामला अप्रैल में सामने आया था। हिजाब विवाद को लेकर अलकायदा के सरगना अल-जवाहिरी के बयान ने सनसनी फैला दी थी। हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) में आतंकवादी संगठन अलकायदा(AlQaeda) की एंट्री ने इस पूरे आंदोलन पर सवाल खड़े कर दिए थे। कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने अलकायदा के कथित सरगना अल-जवाहिरी के बयान के बाद आंदोलन के पीछे आतंकियों के हाथ होने की आशंका जताई है। वहीं, हिजाब गर्ल के पिता ने जवाहिरी को पहचानने से मना कर दिया है।  मांड्या के एक कॉलेज के बाहर भगवाधारी लड़कों की भीड़ के सामने अल्लाहु अकबर के नारे लगाती एक लड़की का वीडियो वायरल हुआ था। मुस्कान नामक इस लड़की को 'हिजाब गर्ल' के नाम से पुकारा जाने लगा है। इसे लेकर आतंकी संगठन अल कायदा ने एक वीडियो जारी किया था। अल कायदा के सरगना अल-जवाहिरी 9 मिनट के इस वीडियो में मुस्कान की तारीफ में कविता सुनाते देखा गया था। क्लिक करके पढ़ें पूरी बात

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