
China US trade deal: चीन और अमेरिका ट्रेड डील पर सहमत हो गए हैं। इसके तहत चीन अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स निर्यात करेगा। बदले में अमेरिका अपने यहां चीन के छात्रों को पढ़ने देगा। आइए जानते हैं आखिर रेयर अर्थ मिनरल्स क्या हैं, जिसपर चीन ने पूरी दुनिया में एकछत्र राज बना रखा है।
चीन दुनिया भर में दुर्लभ खनिज के उत्पादन का लगभग 60% और प्रोसेसिंग का लगभग 90% हिस्सा कंट्रोल करता है। ये खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं। अमेरिका रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए चीन पर निर्भर है। यह उसकी रणनीतिक कमजोरी है। ट्रंप ने जब चीन पर भारी टैरिफ लगाया तो चीन ने बदले में अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स का निर्यात बंद कर दिया। इससे ट्रंप को चीन के सामने झुकना पड़ा है और ट्रेड डील करनी पड़ रही है। अमेरिका अपनी जरूरत का 70% से ज्यादा रेयर अर्थ मिनरल्स चीन से आयात करता है।
रेयर अर्थ मिनरल्स 17 तत्वों का एक समूह है। इसमें स्कैंडियम, यिट्रियम और 15 लैंथेनाइड्स शामिल हैं। ये पृथ्वी की पपड़ी में पाए जाते हैं। इन खनिज को दुर्लभ कहा जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि ये जमीन के नीचे अपेक्षाकृत प्रचुर मात्रा में हैं। उन्हें निकालना और प्रोसेस करना जटिल, महंगा और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसके चलते ये खनिज दुर्लभ है। इनका इस्तेमाल हाई टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में होता है। ये स्मार्टफोन स्क्रीन और इलेक्ट्रिक वाहन मोटर से लेकर डिफेंस सिस्टम और चिकित्सा उपकरणों तक, हर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट में इस्तेमाल होते हैं।
जैसे डिस्प्रोसियम जैसे "भारी" रेयर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल मिसाइलों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शक्तिशाली, ऊष्मा-रोधी चुम्बक बनाने में किया जाता है। वहीं, नियोडिमियम जैसे अन्य तत्व विंड टर्बाइनों के लिए जरूरी हैं। अन्य महत्वपूर्ण खनिज, जैसे टंगस्टन, गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमनी भी एडवांस टेक्नोलॉजी खासकर सेमीकंडक्टर्स और हथियारों के लिए महत्वपूर्ण हैं। टंगस्टन बेहद कठोर होता है। इसका इस्तेमाल कवचभेदी गोलाबारूद और परमाणु रिएक्टरों में किया जाता है।
चीन रेयर अर्थ मिनरल्स और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की ग्लोबल सप्लाई चेन को कंट्रोल करता है। इससे उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और भूराजनीति में महत्वपूर्ण लाभ मिलता है। 1990 के दशक से चीन ने इन खनिजों के खनन, प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग के लिए रणनीतिक रूप से एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है।
इस समय चीन दुनिया का लगभग 60-80% रेयर अर्थ मिनरल्स जैसे टंगस्टन, गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमनी का उत्पादन करता है। चीन का दक्षिणी शहर गंझू रेयर अर्थ माइनिंग और प्रोसेसिंग का वैश्विक केंद्र है। चीन अपने यहां रेयर अर्थ मिनरल्स का खनन करता है। इसके साथ ही अफ्रीका और कंबोडिया व थाईलैंड जैसे एशिया के देशों में भी खनन करता है।
मोबाइल फोन, ऑटोमोबाइल और मिसाइलों के उत्पादन में जरूरी रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन की मजबूत पकड़ भारत के लिए भी परेशानी का सबब है। और दुनिया भर में एकाधिकार, भारत समेत दुनिया भर के देशों के लिए सिरदर्द बन रहा है। चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई कम कर दी, जिससे भारतीय मोटर वाहन क्षेत्र में चिंता बढ़ गई है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों और पारंपरिक इंजन वाली गाड़ियों के कुछ हिस्सों के लिए जरूरी हैं।
चीन ने जर्मेनियम का निर्यात रोका है। यह सेमीकंडक्टर, फाइबर ऑप्टिक केबल और सोलर पैनल उत्पादन के लिए जरूरी है। कोबाल्ट, तांबा, लिथियम, निकल और रेयर अर्थ मिनरल्स सहित महत्वपूर्ण खनिज और धातुएं विंड एनर्जी से लेकर बैटरी से चलने वाली गाड़ियां बनाने के लिए जरूरी हैं।
रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीनी कंट्रोल से भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र चुनौतियों का सामना कर रहा है। चीन ने महत्वपूर्ण रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा रखा है। ये चुम्बक इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका इस्तेमाल गियर मैकेनिज्म और ड्राइव ट्रेन सहित विभिन्न ऑटोमोटिव कंपोनेंट तैयार करने में होता है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।