तुर्किये और सीरिया में आए सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या 24 हजार से ऊपर निकल गई है। इस बीच एक चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि ये भूकंप अमेरिका की गहरी साजिश हो सकत है।
वर्ल्ड न्यूज. तुर्किये और सीरिया में आए सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंप(powerful earthquakes struck Turkey and Syria) में मरने वालों की संख्या 24 हजार से ऊपर निकल गई है। इस बीच एक चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि ये भूकंप अमेरिका की गहरी साजिश हो सकत है। दरअसल, भूकंप के दो दिन बाद से सोशल मीडिया पर #HAARP ट्रेंड कर रहा है। इसमें यूजर्स का मानना है कि तुर्किये में आया भूकंप अमेरिकी 'साजिश' है। जानिए आखिर मामला क्या है?
तुर्किये और सीरिया के इस्लामिक चरमपंथियों से अमेरिकी की बिलकुल पटरी नहीं बैठती। लिहाजा, सोशल मीडिया पर इन दिनों ट्रेंड हैं कि ये भूकंप अमेरिका की साजिश है। इन दिनों #HAARP ट्रेंड कर रहा है। इससे 1 लाख से ऊपर रीट्वीट किए जा चुके हैं। एक यूजर ने दावा किया कि तीन हफ्ते पहले FETO के सेरकन काराबाख ने ऐलान किया था कि 7.4 तीव्रता का भूकंप आएगा। कहा जा रहा है कि यह भूकंप अमेरिकी की देन है। इससे पहले उसने अपने दूतावास बंद किए और सदस्यों को वापस बुला लिया गया था। बता दें कि FETO(Fethullahist Terrorist Organisation) एक आतंकवादी संगठन है, जो फतुल्लाह गुलेन की लीडरशिप में इस्लामिक लड़ाई छेड़े हुए है।
HAARP यानी 'हाई-फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम है। HAARP नामक यह अमेरिकी रिसर्च 1990 के दशक से एक्टिव है। इसका उद्देश्य रेडियो संचार प्रौद्योगिकी (Radio Communication Technology) पर फोकस करना है। यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का ने एक विज्ञप्ति में कहा है, 'तापमंडल(thermosphere) की स्डटी के लिए HAARP दुनिया का सबसे सक्षम उच्च-शक्ति, उच्च-आवृत्ति वाला ट्रांसमीटर है। इसे 11 अगस्त, 2015 को अमेरिकी वायुसेना से अलास्का फेयरबैंक्स विश्वविद्यालय में ट्रांसफर कर दिया गया था। इस ट्रांसमीटर के जरिये वायुमंडल में ऐसी तरंगे पैदा की जा सकती हैं, जो तबाही भी ला सकती हैं।
एक यूजर(@markcutis) ने tweet किया कि नई कॉन्सपायरेसी मैथड की ओर इशारा करने के लिए धन्यवाद। भूकंप इस पौराणिक HAARP तकनीक को सक्रिय करने वाले एक अमेरिकी युद्धपोत के कारण हुआ था। बेशक इस उच्च तकनीक वाले हथियार का इस्तेमाल तब नहीं किया गया था, जब अमेरिका अफगानिस्तान से बाहर निकला था या अब यूक्रेन में।
यह तस्वीर Flat Earth Zone ने अपने twitter पर न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से शेयर करते हुए लिखा कि ,क्या आपको याद है कि तुर्की में आए भूकंप से कुछ दिन पहले आसमान में एक अजीब सा बादल दिखाई दिया था? इस बादल और भूकंप के केंद्र को देखें। इसे लेंसिकुलर क्लाउड(lenticular cloud) कहते हैं, जो एक प्राकृतिक घटना(natural phenomenon) है। एक यूजर ने ऐसी ही एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि यह एक प्राकृतिक घटना है। यह एक लेंसिकुलर क्लाउड है। यहां एक तस्वीर है, जो कैलिफोर्निया(अमेरिका) में माउंट शास्ता के ऊपर बनी है।
pic.twitter.com/pSYr1R6mu7
6 फरवरी को दोनों देशों में सुबह 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे।यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने कहा कि 7.8 तीव्रता का भूकंप तुर्की के गजियांटेप प्रांत में नूरदगी से 23 किलोमीटर (14.2 मील) पूर्व में 24.1 किलोमीटर (14.9 मील) की गहराई में आया था।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि पूरे तुर्की और सीरिया में कम से कम 870,000 लोगों को अब गर्म भोजन की तत्काल आवश्यकता है। अकेले सीरिया में 5.3 मिलियन तक लोग बेघर हो सकते हैं।
रिफ्यूजी के लिए यूएन हाई कमिशनर के सीरिया प्रतिनिधि शिवंका धनपाला ने कहा, "यह एक बड़ी संख्या है। यहां पहले से ही बड़े पैमाने पर विस्थापन से पीड़ित आबादी रहती है।"
इस समय यहां का मौसम ठंडा है। बर्फबारी हो रही है। भूकंप के बाद यहां बर्फीला तूफान आया था। तुर्की राज्य न्यूज एजेंसी अनादोलु(Anadolu) के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी तुर्की के गाजियांटेप प्रांत के नूरदागी जिले में ज़ाहिदे काया नाम की एक गर्भवती महिला को 115 घंटे के बाद जिंदा मलबे से बाहर निकाला गया। उनकी छह साल की बेटी कुबरा को एक घंटे पहले मलबे से बचाया गया था।
यूअएन राइट्स चीफ ने सीरिया में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है, ताकि भूकंप के सभी पीड़ितों तक सहायता पहुंच सके। विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम में करीब 40 लाख लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं, लेकिन तीन हफ्तों में सरकार-नियंत्रित क्षेत्रों से कोई सहायता वितरण नहीं हुआ है।
तुर्की में प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के कुर्द उग्रवादियों (जिसे अंकारा और उसके पश्चिमी सहयोगियों द्वारा एक आतंकवादी समूह माना जाता है) ने रिकवरी वर्क आसान बनाने के लिए लड़ाई में अस्थायी रोक की घोषणा की है। तुर्की में 1939 में 7.8 तीव्रता के भूकंप में 33,000 लोगों की मौत के बाद से यह सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
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