महिलाओं के कपड़ों पर निगाह रखती थी ईरान की मॉरल पुलिस, टाइट या छोटे कपड़े पहनने, सिर न ढकने पर ढाती थी जुल्म

मॉरल पुलिस यूनिट्स करीब डेढ़ दशक से महिलाओं के कपड़े पहनने के तरीकों की निगहबानी कर रही थी और हिजाब न पहनने या चुस्त कपड़े पहनने पर सजा देने का काम कर रही थी। 22 वर्षीय युवती महसा अमिनी को भी तीन दिनों की पुलिस प्रताड़ना के दौरान जान गंवानी पड़ी थी। 

Moral Police: ईरान में महिलाओं ने आखिरकार कट्टरपंथी सरकार को झुका ही दिया है। महसा अमिनी की मौत के बाद सख्त पुलिसिया कार्रवाई को झेलने के बावजूद महिलाओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आलम यह कि सरकार ने महिलाओं पर अत्याचार के लिए बनाई गई मॉरल पुलिस यूनिट को भंग कर दिया है। मॉरल पुलिस यूनिट्स करीब डेढ़ दशक से महिलाओं के कपड़े पहनने के तरीकों की निगहबानी कर रही थी और हिजाब न पहनने या चुस्त कपड़े पहनने पर सजा देने का काम कर रही थी। 22 वर्षीय युवती महसा अमिनी को भी तीन दिनों की पुलिस प्रताड़ना के दौरान जान गंवानी पड़ी थी। 

2006 में मॉरल पुलिस की यूनिट्स ने पेट्रोलिंग शुरू की

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ईरान में मॉरल पुलिस यूनिट्स को अधिकारिक रूप से 2006 में गश्त करने की इजाजत दे दी गई थी। इसे औपचारिकरूप से गश्त-ए-इरशाद या मार्गदर्शन गश्ती के रूप में जाना जाता था। मॉरल पुलिस यूनिट की स्थापना कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने की थी। मॉरल पुलिस की स्थापना के दौरान उन्होंने इसे महिलाओं में विनम्रता और हिजाब संस्कृति के प्रसार के लिए अनिवार्य सिर ढंकने के लिए जरूरी बताया था। हालांकि, ईरान में हिजाब को 1983 से अनिवार्य कर दिया गया था। ईरान ने 1979 में अमेरिका समर्थित राजशाही को उखाड़ फेंका था। इसके चार साल बाद हिजाब को देश में अनिवार्य कर दिया था। लेकिन इस्लामिक गणराज्य की स्थापना के बाद भी हिजाब की अनिवार्यता के बावजूद को सख्ती नहीं थी। परंतु करीब 15 साल पहले मॉरल पुलिस अधिकारियों ने हिजाब को सख्ती से लागू करने के लिए महिलाओं को चेतावनी दी। इसके बाद यह तय हुआ कि हिजाब न पहनने वाली महिलाओं की गिरफ्तारियां की जाएंगी और सजा मिलेगी। 

हसन रूहानी के कार्यकाल में महिलाएं तंग कपड़े पहनने लगी

हालांकि, हिजाब अनिवार्य होने के बावजूद तत्कालीन उदारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी के कार्यकाल में महिलाएं रंगीन हेडस्कार्फ बांधने के साथ टाइट जींस पहनती। परंतु इस साल जुलाई में कट्टरपंथी राष्ट्रपति रायसी ने हिजाब को सख्ती से लागू करने के साथ ही महिलाओं को ढीले-ढाले कपड़े पहनने को मजबूर कर दिया। धर्म और संस्कृति का हवाला देकर महिलाओं को निशाना बनाया जाने लगा। 

ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद व्यापक प्रदर्शन?

ईरान की राजधानी तेहरान में हिजाब न पहनने की वजह से 20 साल की महसा अमीनी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। 13 सितंबर, 2022 से पुलिसिया हिरासत में रही महसा की संदिग्ध परिस्थितियों में 16 सितंबर को मौत हो गई। पुलिस कस्टडी में प्रताड़ना की वजह से महसा की मौत ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद पूरे ईरान सहित दुनिया के विभिन्न मुल्कों में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए थे। इसके बाद मॉरल पुलिस को खत्म करने का ऐलान किया गया...पढ़िए इस खबर को पूरा...

 

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