उड़ता चेरनोबिल: क्या रूस का नया मिसाइल दुनिया के लिए खतरा है?

रूस द्वारा विकसित परमाणु ऊर्जा से संचालित क्रूज मिसाइल 'बुरेवेस्टनिक', जिसे 'फ्लाइंग चेरनोबिल' भी कहा जाता है, अपनी असीमित रेंज के कारण चिंता का विषय बन गया है। यह मिसाइल रूस को दुनिया में कहीं भी हमला करने की क्षमता प्रदान करता है।

वर्ल्ड डेस्क। रूस परमाणु ऊर्जा से चलने वाले क्रूज मिसाइल 9M370 बुरेवेस्टनिक (Burevestnik missile) को विकसित कर रहा है। इसे ‘फ्लाइंग चेरनोबिल’ (Flying Chernobyl) भी कहा जा रहा है। इस मिसाइल की रेंज असीमित है। इसकी मदद से रूस अमेरिका समेत दुनिया के किसी भी हिस्से में तबाह ला सकता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे ‘अजेय’ बताते हैं। यह मिसाइल परमाणु हथियार से लैस है

दो अमेरिकी शोधकर्ताओं ने रूस की 9M370 बुरेवेस्टनिक मिसाइल की तैनाती स्थल का पता लगाया है। लगा लिया है। इसे वोलोग्दा-20 और चेबसारा में तैनात किया गया है। यह मॉस्को से लगभग 475 किमी उत्तर में स्थित है। यहां पहले मिसाइलों में लगने वाले न्यूक्लियर बम रखे जाते थे। अब यहां बुरेवेस्टनिक मिसाइलों को रखा जा रहा है।

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रूस के सबसे विवादित हथियारों में से एक है 9M370 बुरेवेस्टनिक

9M370 बुरेवेस्टनिक रूस सबसे विवादित हथियारों में से एक है। मार्च 2018 में पुतिन ने इसे सबसे पहले दुनिया को दिखाया था। इसे परमाणु हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। मिसाइल में परमाणु ऊर्जा से चलने वाला इंजन लगा है। इससे मिसाइल की रेंज असीमित हो जाती है।

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज के अनुसार बुरेवेस्टनिक की अनुमानित रेंज 20,000 km तक हो सकती है। इससे यह रूस से धरती पर कहीं भी हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल की तकनीकी खासियत के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक हुई है। माना जाता है कि मिसाइल को एक छोटे ठोस ईंधन वाले रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाता है। यह एक छोटे परमाणु रिएक्टर वाले इंजन में हवा भरता है।

परमाणु रिएक्टर अपनी ऊर्चा से हवा को अत्यधिक गर्म करता है। इस हवा से बाहर निकलने से मिसाइल को आगे बढ़ने की ताकत मिलती है। जरूरी हो तो यह मिसाइल को कई दिनों तक हवा में रह सकता है। अनुमान के अनुसार लॉन्च किए जाने के समय मिसाइल की लंबाई लगभग 12 मीटर होती है। उड़ान के दौरान यह घटकर 9 मीटर रह जाती है।

मिसाइल 50 से 100 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह विमान की तरह अपनी दिशा बदल लेता है। इसके चलते इसे वर्तमान एयर डिफेंस सिस्टम से रोक पाना बेहद कठिन होगा। अगर इसे जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल से नष्ट कर दिया जाए तब भी तबाही होने का खतरा है। बुरेवेस्टनिक में न्यूक्लियर रिएक्टर है। इसके नष्ट होने से पूरे इलाके में रेडियोएक्टिव कचरा फैल जाएगा।

कितना सफल है बुरेवेस्टनिक मिसाइल?

बुरेवेस्टनिक मिसाइल टेस्ट के दौरान कई बार फेल हुआ है। 2016 से इसके कम से कम 13 टेस्ट किए गए हैं, जिनमें से केवल दो आंशिक रूप से सफल रहे। 2019 में मिसाइल का टेस्ट फेल होने से रेडिएशन लीक हुआ था। इससे कम से कम पांच रूसी परमाणु विशेषज्ञ मारे गए थे। इस घटना के बाद बुरेवेस्टनिक को "उड़ता चेरनोबिल" नाम दिया गया था।

क्या बुरेवेस्टनिक को तैनात किया जा सकता है?

बुरेवेस्टनिक रूस के एडवांस सामरिक हथियारों के समूह का हिस्सा है। इनमें सरमत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), अवांगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) और पोसिडॉन परमाणु-सशस्त्र अंडरवाटर मानव रहित वाहन (UUV) शामिल हैं। रूस इन्हें अपना "सुपर हथियार" कहता है।

बुरेवेस्टनिक का विकास तकनीकी और कूटनीतिक दोनों तरह की चुनौतियों से भरा हुआ है। पुतिन ने दावा किया है कि मिसाइल "दुनिया में बेजोड़ है"। वहीं, इसके खराब टेस्ट रिकॉर्ड और न्यूक्लियर इंधन से पैदा होने वाली जोखिमों के चलते कई लोग इसके खिलाफ सवाल उठा रहे हैं। कई विशेषज्ञों को संदेह है कि यह मिसाइल कभी सेवा में आएगी। वहीं, कुछ का अनुमान है कि इसकी तैनाती में अभी भी एक दशक लग सकता है।

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