कतर में जासूसी के मामले में पिछले साल अगस्त में 8 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से उन्हें जेल में रखा गया। अब सभी 8 भारतीयों को मौत की सजा का ऐलान किया गया है।
What Is Qatar Case. कतर ने 8 भारतीयों को जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई है। इनको पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था और जेल में अलग सेल में बंद किया गया था। अब इन्हें मौत की सजा सुना दी गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर यह 8 भारतीय कौन हैं और किस केस में इन्हें मौत की सजा सुनाई है।
कौन हैं कतर में मौत की सजा पाने वाले 8 भारतीय
कतर की एक कोर्ट ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है। इस फैसले को भारत ने चौंकाने वाला करार दिया है और सभी कानूनी रास्ते तलाश करने की शुरूआत कर दी गई है। इन 8 भारतीयों को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अगस्त 2022 में गिरफ्तार किए गए भारतीयों में नौसेना के कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और नाविक रागेश गोपकुमार शामिल हैं। सभी पूर्व नौसेना अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 वर्षों तक का विशिष्ट सेवा रिकॉर्ड रहा है और उन्होंने महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। 2019 में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था। उस समय दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने कहा था कि कमांडर तिवारी को यह पुरस्कार विदेश में भारत की छवि बढ़ाने के लिए दिया गया है।
कतर में क्या कर रहे थे भारतीय अधिकारी
यह सभी 8 भारतीय एक निजी फर्म दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। यह कतर के सशस्त्र बलों के लिए प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी का स्वामित्व रॉयल ओमान वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल-अजमी के पास है। अजमी को भी पिछले साल भारतीयों के साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो मौत की सजा पाने वाले कुछ भारतीय बेहद संवेदनशील परियोजना पर काम कर रहे थे। इनमें गुप्त विशेषताओं वाली इतालवी प्रौद्योगिकी पर आधारित पनडुब्बियां तक शामिल हैं। बीते साल मई में अल दहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना काम बंद कर दिया और वहां काम करने वाले सभी लोग (मुख्य रूप से भारतीय) घर लौट आए हैं।
कतर में क्यों गिरफ्तार किए गए 8 भारतीय
भारतीय नौसेना के पूर्व 8 अधिकारियों को कतर की खुफिया एजेंसी ने 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। हालांकि कतर के अधिकारियों और नई दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 8 लोगों को कथित तौर पर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सभी पर मुकदमा चलाया गया और कई बार इनकी जमानत याचिका खारिज की गई। अब कोर्ट ने सभी 8 भारतीयों को मौत की सजा सुना दी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय का नेक्स्ट प्लान क्या है
कतर में कोर्ट द्वारा 8 भारतीयों को मौत की सजा के ऐलान पर भारतीय विदेश मंत्राल ने कहा कि वे इस केस के डिटेल फैसले का इंतजार कर रहे हैं। भारत ने कहा कि वे सभी तरह के कानूनी विकल्प की तलाश कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। सरकार ने कहा कि वह भारतीयों को सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेगी।
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