हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के साइड इफेक्ट्स को देखते हुए WHO ने ट्रायल पर रोक लगा दिया है। WHO के चीफ तेद्रोस गेब्रियेसस के मुताबिक मेडिकल जर्नल लेन्सेट की एक स्टडी में पिछले हफ्ते कहा गया था कि कोरोना के मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने से उनको जान का जोखिम बढ़ सकता है।
जेनेवा. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के कई देश वैक्सीन के लिए ट्रायल कर रहे हैं। वहीं, भारत में मलेरिया के लिए प्रयोग में लाई जाने वाले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा जो कोरोना के इलाज में असरदार साबित हो रही थी, उसके ट्रायल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिलहाल रोक लगा दी है। इस दवा के साइड इफेक्ट्स को देखते हुए ये फैसला लिया गया। WHO के चीफ तेद्रोस गेब्रियेसस के मुताबिक मेडिकल जर्नल लेन्सेट की एक स्टडी में पिछले हफ्ते कहा गया था कि कोरोना के मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने से उनको जान का जोखिम बढ़ सकता है।
सिर्फ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर ही लगी रोक
स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका द लैंसेट ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने वाले कोरोना मरीजों के मौत की संख्या HCQ नहीं लेने वाले मरीजों की संख्या में ज्यादा है। WHO ने 17 देशों के 3,500 कोरोना मरीजों को HCQ दवा के ट्रायल के लिए शामिल किया था। विश्व संस्था ने इसे Solidarity Trial का नाम दिया था। इस ट्रायल का मकसद कोविड-19 के इलाज के लिए दवाई ढूंढना था। ट्रायल में शामिल मरीजों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या कोविड-19 के इलाज के लिए प्रयोग किए जा रहे तीन और अन्य दवाओं का रैंडमाइज्ड ट्रायल शुरू किया जाता था। लेकिन केवल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर ही रोक लगाई गई है।
लैंसेट ने शोध के हवाले से क्या कहा
लैंसेट ने कहा कि चूंकि रिसर्च में क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोविड-19 मरीजों को फायदा नहीं पहुंचने की बात साबित हो चुकी है, इसलिए अब क्लीनिकल ट्रायल के सिवा इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। शोधकर्ताओं के हवाले से लैंसेट ने कहा कि रैंडमाइज्ड ट्रायल और उसके नतीजों की जानकारी तुरंत सामने आनी चाहिए। पत्रिका ने शोधकर्ताओं सी फंक-ब्रेंटानो और जे सलेम की टिप्पणी साझा की। उसने लिखा, 'प्राथमिक रिपोर्टों के साथ आए नतीजों से पता चलता है कि क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अकेले या फिर अझिथ्रोमाइसिन के साथ खाना लाभदायक नहीं है। इसे खाने से अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों को नुकसान हो सकता है।'
ट्रंप ने कहा था- वे खुद ले रहे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने की बात कही
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे खुद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। इसके बाद कई देशों ने इस दवा को थोक में खरीदना शुरू कर दिया था। ब्राजील का स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन देने की सिफारिश कर चुका है।