कौन हैं रानिल विक्रमासिंघे जो बनने जा रहे श्रीलंका के अगले प्रधानमंत्री

आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लिए एक अच्छी खबर है। श्रीलंका को अब एक नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रानिल विक्रमासिंघे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के तौर पर गुरुवार को शपथ लेंगे। 

नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अब हालात कुछ हद तक बेहतर हो रहे हैं। इसी बीच खबर है कि यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बनेंगे रानिल विक्रमासिंघे गुरुवार शाम साढ़े 6 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। खुद उनकी पार्टी यूएनपी ने ये बात कही है। बता दें कि रानिल विक्रमासिंघे पहले भी श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। बता दें कि महिंदा राजपक्षे द्वारा प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए पीएम बनने जा रहे हैं।

कौन है रानिल विक्रमासिंघे : 
रानिल विक्रमसिंघे 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के चीफ रहे हैं। वो अब तक 4 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।  2019 में रानिल ने अपनी ही पार्टी के प्रेशर की वजह से प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था। 73 साल के रानिल विक्रमासिंघे ने एडवोकेट की पढ़ाई की है। 70 के दशक में रानिल ने पॉलिटिक्स में किस्मत आजमाई और 1977 में पहली बार सांसद बने। 1993 में वो पहली बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने। इससे पहले वो श्रीलंका के उप विदेश मंत्री, युवा और रोजगार मंत्री सहित कई और बड़े पदों पर रहे। 

Latest Videos

भारत के करीबी हैं रानिल : 
बता दें कि चार बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को अक्टूबर, 2018 में उस वक्त के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें वापस प्रधानमंत्री बनाया था। बता दें कि रानिल विक्रमासिंघे भले ही अलग पार्टी के नेता है, लेकिन बावजूद इसके उन्हें राजपक्षे परिवार का करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि कि रानिल विक्रमसिंघे भारत के ज्‍यादा नजदीक रहे हैं। उनके एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने से भारत के साथ श्रीलंका के रिश्‍ते और मजबूत होंगे। 

क्या है और क्यों आया श्रीलंका का संकट : 
श्रीलंका की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, जिसके चलते वहां हिंसा भड़क उठी है। बेहद जरूरी आटा, दाल, सब्जी की कीमत हजारों में पहुंच चुकी है। कीमतें इतनी बढ़ चुकी हैं कि लोग सामान के लिए लूटपाट कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका के इस हालत में पहुंचने की वजह जरूरत से ज्यादा कर्ज लेना है। कोरोना संकट के बीच श्रीलंका ने चीन से लगातार कर्ज लिया। इतना ही नहीं, 2019 में चुनावी वादा निभाने के लिए महिंदा राजपक्षे सरकार ने टैक्स घटा दिया, जिससे आर्थिक संकट और बढ़ गया। 

ये भी पढ़ें :
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने की घोषणा, इस सप्ताह नए पीएम को करेंगे नियुक्त
18 साल पहले की डरावनी कहानी: जब महिंदा राजपक्षे PM थे, तब भी श्रीलंका में आई थी मौत की सुनामी, PHOTOS

Share this article
click me!

Latest Videos

हिंदुओं पर हमले से लेकर शेख हसीना तक, क्यों भारत के साथ टकराव के मूड में बांग्लादेश?
LIVE🔴: केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा प्रेस वार्ता
Kazakhstan Plane Crash: प्लेन क्रैश होने पर कितना मिलता है मुआवजा, क्या हैं International Rules
Atal Bihari Vajpayee की 100 वीं जयंती पर 'सदैव अटल' पहुंचे PM Modi, अर्पित की पुष्पांजलि
क्या बांग्लादेश के साथ है पाकिस्तान? भारत के खिलाफ कौन रह रहा साजिश