MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • World News
  • 18 साल पहले की डरावनी कहानी: जब महिंदा राजपक्षे PM थे, तब भी श्रीलंका में आई थी मौत की सुनामी, PHOTOS

18 साल पहले की डरावनी कहानी: जब महिंदा राजपक्षे PM थे, तब भी श्रीलंका में आई थी मौत की सुनामी, PHOTOS

कोलंबो(Colombo). ये तस्वीरें श्रीलंका की हैं, जहां अब सड़कों पर सेना की गाड़ियां दिखाई दे रही हैं। आर्थिक संकट(economic crisis in sri lanka) से जूझ रहा श्रीलंका गृहयुद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है। देश में हिंसा के बाद सरकार ने उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश दिया है। इसका असर दिखाई दे रहा है। उपद्रव थम-सा गया है। श्रीलंका में हिंसा को रोकने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के बाद कोलंबो और उपनगरों की सड़कों पर श्रीलंकाई सैनिकों( military) की बड़ी उपस्थिति दिखाई दे रही है। सरकार समर्थकों( pro-government supporters) द्वारा कोलंबो में दो शांतिपूर्ण विरोध शिविरों गोटागोगामा और मैनागोगामा पर हमला बोलने के बाद सोमवार (9 मई) को हिंसा भड़क उठी थी। श्रीलंका सेना के विशेष बलों के कॉम्बैट राइडर्स स्क्वाड्रन(Combat Riders Squadron) के साथ ही बख्तरबंद कार्मिक वाहक कई क्षेत्रों में मोबाइल गश्त के लिए तैनात किए गए हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और सेना के कमांडर(Chief of Defence Staff and Commander of the Army) जनरल शैवेंद्र सिल्वा(General Shavendra Silva) ने मीडिया से बात करते हुए लोगों से अपील की है कि बिना कोई खलल डाले अपने घरों में रहें। बता दें कि 18 साल पहले जब महिंदा राजपक्षे 2004 में श्रीलंका के 13वें पीएम बने थे, तब सुनामी(tsunami) ने देश में भारी तबाही मचाई थी। उस समय 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

3 Min read
Amitabh Budholiya
Published : May 12 2022, 08:57 AM IST| Updated : May 12 2022, 08:58 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
110

बता दें कि श्रीलंका में यह अशांति भोजन, ईंधन, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी के कारण पैदा हुई है। इसके अलावा महीनों के ब्लैकआउट(बिजली संकट) ने इस दक्षिण एशियाई द्वीप राष्ट्र को 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद अब तक के सबसे बड़े संकट में डाल दिया है।

210

बहुत बड़ा नुकसान: General Kamal Gunaratne (Retd) ने कहा कि श्रीलंका में आगजनी के हमलों में निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। अभी इसका अनुमान लगाया जाना बाकी है। उन संपत्तियों के कई मालिक अभी भी अपनी जान के डर से छिपे हुए हैं। 

310

जल्द ही नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा:श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे(President Gotabaya Rajapaksa) ने 11 मई की रात देश को दिए अपने संबोधन में कहा कि वह जल्द ही नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे। जिस व्यक्ति को अधिकांश सांसदों के साथ-साथ लोगों का विश्वास प्राप्त होगा, उसे प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसमें नौ लोग मारे गए और 300 घायल हो गए।

410

यह एक संगठित हमला:राष्ट्रपति  गोटबाया राजपक्षे(President Gotabaya Rajapaksa) ने कहा कि देश में कर्फ्यू लगाए जाने और तीनों बलों की तैनाती से पहले,पूरे देश में एक संगठित तरीके से हिंसा हुई थी। कुछ ही घंटों में एक सांसद समेत करीब 9 लोगों की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। लगभग 300 अस्पताल में भर्ती हैं। साथ ही बड़ी संख्या में घरों में आग लगा दी। पूरे देश में लूटपाट शुरू हो गई।

510

उपद्रवियों पर सख्ती:राष्ट्रपति  गोटबाया राजपक्षे(President Gotabaya Rajapaksa) ने कहा कि तीनों सशस्त्र बलों और पुलिस को दंगाइयों के खिलाफ सख्ती से पेश आने का आदेश दिया गया है। इस घटना की योजना बनाने, समर्थन करने और इसे बढ़ावा देने वाले सभी लोगों के खिलाफ कानून के सख्ती से लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

610

श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर +94-773727832 और ईमेल ID cons.colombo@mea.gov.in किया है।

710

श्रीलंका सेंट्रल बैंक गवर्नर पी नंदलाल वीरसिंघे ने ऐलान किया है कि अगर 2 सप्ताह के भीतर देश में राजनीतिक स्थिरता नहीं आई, तो वे अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे।

810

रक्षा सचिव कमल गुणरत्ने ने कहा कि कुछ मामूली घटनाएं हुई हैं। इधर, राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, श्रीलंका में 12 मई की सुबह 07 बजे से दोपहर 02 बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। फिर 13 मई की सुबह 06 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा। 
 

910

आंदोलन की शुरुआत 31 मार्च को हुई थी, जब सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके घर पर धावा बोला। फोटो क्रेडिट-newsfirst.lk

यह भी पढ़ें-और इस तरह 'गृहयुद्ध' के मुहाने पर पहुंच गई सोने की लंका,जानिए श्रीलंका संकट के सिलसिलेवार 16 घटनाक्रम

1010

गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन  (GMOA) ने कहा कि अगर हिंसक स्थिति जारी रहती है, तो इससे अस्पतालों में मरीजों के दाखिले की संख्या में वृद्धि होगी, जो दवाओं और दवाओं की कमी को और बढ़ा देगा। 

यह भी पढ़ें-नेता को दौड़ाकर पीटा, सरकार विरोधी और समर्थक एक-दूसरे को मार रहे, 10 फोटो में देखिए श्रीलंका कैसे खाक में मिला

About the Author

AB
Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved