WHO सड़क सुरक्षा रिपोर्ट: एक्सिडेंट में मौतों की संख्या में 5% कमी, जानें भारत में क्या हैं हालात

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक ताजा रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में वैश्विक लेवल पर 5 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि भारत में मौतों की संख्या बढ़ गई है।

 

WHO Road Safety Report. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि रोड एक्सिडेंट में मरने वालों की संख्या ग्लोबल लेवल पर कम हुई है। यह आंकड़ा कम होकर 1.19 मिलियन प्रति वर्ष हो गई है यानि करीब 5 प्रतिशत तक की कमी आई है। फिर भी हर 2 मिनट में 3200 लोगों की मौत का कारण सड़क दुर्घटना ही है। इनमें भी 5 से 29 वर्ष आयुवर्ग के लोगों की सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। यानि सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा युवाओं की मौत हो रही है।

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कहा

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डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की दुखद संख्या में कमी आई है लेकिन इतनी तेजी से कमी नहीं आई है, जो संतोषजनक हो। हम सभी देशों से अपने परिवहन सिस्टम के केंद्र में कारों के बजाय लोगों को रखने और पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों की संख्या बढ़ाने का आह्वान करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य 108 देशों ने 2010 और 2021 के बीच सड़क यातायात से संबंधित मौतों में गिरावट दर्ज की। दस देश सड़क यातायात से होने वाली मौतों को 50% तक कम करने में सफल रहे हैं। इनमें बेलारूस, ब्रुनेई दारुस्सलाम, डेनमार्क, जापान, लिथुआनिया, नॉर्वे, रूसी संघ, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला शामिल हैं। करीब 35 देशों ने उल्लेखनीय प्रगति की है और मौतों की संख्या में 30% से 50% की कमी में सफलता पाई है।

 

 

भारत में नहीं हुई सड़क दुर्घटना से मौतों में कमी

रिपोर्ट से पता चलता है कि वैश्विक सड़क यातायात से होने वाली मौतों में से 28% डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, 25% पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में, 19% अफ्रीकी क्षेत्र में, 12% अमेरिका क्षेत्र में, 11% पूर्वी क्षेत्र में हुईं है। 10 में से 9 मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। इन देशों में वाहनों और सड़कों की संख्या के मुकाबले मौतें ज्यादा होती हैं। भारत भी इन्हीं देशों में शामिल है। ज्यादा आय वाले देशों की तुलना में कम आय वाले देशों में मृत्यु का जोखिम 3 गुना अधिक है। जबकि कम आय वाले देशों में दुनिया के केवल 1% ही मोटर वाहन हैं।

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