
इसराइल ने ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूश्नरी गार्ड्स कॉर्प्स के शीर्ष कमांडर मोहम्मद सई इजादी को मारने का दावा किया है। हालांकि, ईरान ने अभी अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है। लेकिन बहुत संभव है कि इसराइल ने ईरान के इस शीर्ष कमांडर को मार दिया हो। आईआरजीसी ईरान के शीर्ष सैन्य बल हैं जिनका गठन इस्लामी शासन की रक्षा के लिए किया गया था। आईआरजीसी की ही एक शाखा है कुद्स फोर्स, जिसे फलस्तीनी कॉर्प्स भी कहा जाता है।
कुद्स फोर्स का काम ईरान के बाहर आईआरजीसी के अभियानों को अंजाम देना है। ईरान के बाहर जिन लड़ाकू समूहों को ईरान प्रभावित करता है, वो सब कुद्स फोर्स के जरिए ही आरजीसी के संपर्क में रहते हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, मारा गया आईआरजीसी कमांडर मोहम्मद सईद इजादी इसी कुद्स फोर्स का कमांडर था। इजादी को ईरान केे कोम शहर में एक अपार्टमेंट में किए गए हमले में मारा गया है। इस अपार्टमेंट पर हमले की पुख्ता खबरे हैं। इसराइल ने भी इजादी के मारे जाने का दावा किया है, लेकिन ईरान ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।
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इजादी को फलस्तीनी समूह हमास और ईरान के बीच संपर्क सूत्र के रूप में जाना जाता था। इसराइल का आरोप है कि 7 अक्तूबर को इसराइल पर हुए हमले के दौरान इजादी ने ही हमास से समन्वय किया था। 2023 में हुए इस हमले में 1200 से अधिक इसराइली नागरिक मारे गए थे। इस हमले के बाद से इसराइल लगातार गजा पर हमला कर रहा है। अब ये संघर्ष लेबनान के बाद ईरान तक भी पहुंच गया है और इसराइल और ईरान के बीच भारी हिंसा जारी है।
रिपोर्टों के मुताबिक, इजादी ने हमास को पैसा और हथियार मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इसराइल पहले भी एक बार इजादी को मारने की कोशिश कर चुका है। अप्रैल 2024 में जब सीरिया के दमिश्क में ईरान के दूतावास पर इसराइल ने हमला किया था, तब आईआरजीसी के कई कमांडर मारे गए थे, लेकिन इजादी बच गया था।
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