दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना की चपेट में हैं। 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में इन दिनों एक ऐसा देश भी चर्चा में हैं, जहां कहां जा रहा है कि कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया। यहां तक यह देश यह भी मानने को तैयार नहीं है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी भी है।
अश्गाबात. दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना की चपेट में हैं। 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में इन दिनों एक ऐसा देश भी चर्चा में हैं, जहां कहां जा रहा है कि कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया। यहां तक यह देश यह भी मानने को तैयार नहीं है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी भी है। हम बात कर रहे हैं तुर्कमेनिस्तान की। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
तुर्कमेनिस्तान सरकार का दावा है कि देश में कोरोना का कोई केस सामने नहीं आया। नाहि यहां अब तक किसी की मौत हुई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि तुर्कमेनिस्तान कोरोना वायरस को लेकर आंकड़े छिपा रही है। दरअसल, इससे सटे देश ईरान में भी कोरोना से हाहाकार मचा है। ईरान में संक्रमण के 68 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। वहीं, 4200 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना शब्द पर भी लगा बैन
तुर्कमेनिस्तान का मानना है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी है ही नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यहां कोरोना शब्द को बैन कर दिया गया है। तुर्कमेनिस्तान में कोरोना बोलने और लिखने पर बैन है। यहां तक की मास्क पहनने पर भी कार्रवाई की जा रही है।
देश में कोई कोरोना पर चर्चा नहीं कर सकता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना पर बैन और मास्क पहनने पर कार्रवाई का आदेश राष्ट्रपति गुरबांगुली बेयरडेमुकामेडॉव ने लगाया है। साथ ही पूरे देश में सरकार के स्पेशल एजेंट घूम रहे हैं, अगर कोई कोरोना पर चर्चा करता पाया जाता है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है।
वर्ल्ड हेल्थ डे पर निकाली गई साइकिल रैली
जहां दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है, तो वहीं तुर्कमेनिस्तान में हालात सामान्य हैं। यहां लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं। पब्लिक गैदरिंग पर भी रोक नहीं है। इतना ही नहीं, यहां मंगलवार को वर्ल्ड हेल्थ डे साइकिल रैली भी निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।
तुर्कमेनिस्तान के अस्पतालों में पहले कोरोना के ये पोस्टर लगाए गए थे, अब हटा लिए गए
पहले भी छिपाए आंकड़े
यह पहला मौका नहीं है, जब तुर्कमेनिस्तान सरकार ने आंकड़े छिपाए हों। इससे पहले एड्स और प्लेग समेत कई बीमारियों के वक्त भी आंकड़े छिपाए गए। प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भी तुर्कमेनिस्तान आखिरी स्थान यानी 180वें नंबर पर हैं।
इतना ही नहीं, यहां बीमारी से बचाव के लिए अजीबोगरीब आदेश भी दिए गए हैं। यहां लोगों से हरमाला नाम का पौधा लगाने के लिए कहा गया है। सरकार का मानना है कि इससे बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है। इसके अलावा यहां अस्पतालों में लगे कोरोना के पर्चों को भी हटा लिया गया है।