World World Bicycle Day 2022: इस देश में साइकिल के लिए भी बनवाना पड़ता है लाइसेंस

3 जून को हर साल पूरी दुनिया में वर्ल्ड साइकिल डे मनाया जाता है। साइकिल का इस्तेमाल वैसे तो कई देशों में होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश ऐसा भी है, जहां साइकिल चलाने के लिए भी लाइसेंस बनवाना पड़ता है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 3, 2022 9:48 AM IST

World World Bicycle Day 2022: हर साल 3 जून को पूरी दुनिया में वर्ल्ड साइकिल डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों के प्रति साइकिल को लेकर जागरुकता बढ़ाना है। साइकिल बेहतरीन एक्सरसाइज के साथ ही हमें पर्यावरण को बचाने के लिए भी इंस्पायर करती है। वैसे, भारत समेत कई देशों में लोग आज भी साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, उस देश के बारे में जहां साइकिल चलाने के लिए भी लाइसेंस की जरूरत पड़ती है।

इस देश में बिना लाइसेंस नहीं चला सकते साइकिल : 
मिडिल ईस्ट में चारों तरफ दुश्मन देशों से घिरा एक छोटा सा देश है इजराइल। जी हां, इजराइल में साइकिल चलाने के लिए भी लाइसेंस बनवाना पड़ता है। बिना इसके अगर आप साइकिल चलाते पाए गए तो इसके लिए आपको सजा और जुर्माना भरना पड़ सकता है। बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा साइकिल का इस्तेमाल यूरोपीय देश नीदरलैंड्स करता है। वहां साइकिल चलाने वालों को ईनाम देकर प्रोत्साहित किया जाता है। 

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साइकिल का इतिहास : 
माना जाता है कि 1817 में जर्मनी के बैरन कार्लवान ड्रेविस ने साइकिल की रूपरेखा तैयार की थी। यह लकड़ी की बनी सायकिल थी और इसका नाम ड्रेसियेन और हॉर्बी हॉर्स रखा गया था। हालांकि, तब साइकिल में पहिए नहीं थे और इसे धकेल कर चलाना पड़ता था। इसके बाद स्कॉटलैंड के किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने 1839 में पैडल का आविष्कार किया। पैडल लगने के बाद साइकिल चलाना बेहद आसान हो गया। इसलिए आधुनिक साइकिल के आविष्कार का श्रेय मैकमिलन को ही जाता है। 

समय के साथ बदलती गई साइकिल : 
- शुरुआत में लकड़ी के फ्रेम वाली साइकिल बनी। लेकिन धीरे-धीरे
यह पूरी तरह मैटल में बदल गई। समय के साथ इसमें रबर के टायरों का भी इस्तेमाल होने लगा। 
- रबर के टायर लगने के बाद साइकिल चलाना और आसान हो गया। इसके बाद 1885 में जॉन केम्प स्टारली ने रोवर बाइसिकल डिजाइन की। आजकल की साइकिलें इसी से इंस्पायर्ड हैं। 
- इसकी खासियत ये थी कि इसमें पैडल्स को आगे के बजाय पीछे वाले टायरों से जोड़ा गया। 
- इसके बाद 1890 में लड़कियों के लिए अलग से साइकिल बनाई गई। इसे इस तरह डिजाइन किया गया ताकि लड़कियों के स्कर्ट फंसने का डर ना रहे। इसके बाद 1920 में बच्चों के लिए भी साइकिल आ गई। 

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