Amitabh Budholiya

बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
  • All
  • 3406 NEWS
  • 579 PHOTOS
  • 20 VIDEOS
4005 Stories by Amitabh Budholiya

चित्र बड़े विचित्र: भ्रम में डाल देते हैं ये दुर्लभ पौधे, पूरी दुनिया के लिए अजूबा हैं, मालूम है क्यों?

Oct 04 2022, 02:00 PM IST

ट्रेंडिंग न्यूज. ये अजीबो-गरीब और बहुत हद तक चमत्कारिक तस्वीरें 20 लाख से अधिक एकड़ में फैले वुडलैंड यानी प्राकृतिक रूप से पेड़-पौधों और वनस्पतियों से हरे-भरे जंगलों में उगे दुर्लभ वन्यजीवन की हैं। इन वुडलैंड में कुछ बहुत ही दुर्लभ और विशेष पौधे उगते हैं। इस वुडलैंड नेचर में स्टिंकहॉर्न या फालुस(Stinkhorn-Phallus impudicus) जैसा दुर्लभ पौध भी शामिल है। बता दें कि वुडलैंड(woodland) को सही मायने में समझाएं, तो वो भूमि जो पेड़ों से आच्छादित यानी कवर्ड होती है। इसे हम जंगली जमीन और वनस्थली भी कहते हैं। अगर छोटे अर्थ में लें, तो जहां भरपूर मात्रा में लकड़ी होती है। यह एक कम घनत्व वाला जंगल(low-density forest) है, जो भरपूर धूप और सीमित छाया(limited shad) के साथ खुले आवास(open habitats) का निर्माण करता है। वुडलैंड्स में घास सहित झाड़ियों और जड़ी-बूटियों के पौधों( shrubs and herbaceous plants including grasses) को पनपने के लिए पर्याप्त संभावनाएं होती हैं। यानी यह अरण्य-वनस्पति(wild florac) है। अगर सिर्फ ब्रिटेन की बात करें, तो ब्रिटिश वुडलैंड मैनेजमेंट में वुडलैंड का उपयोग प्राकृतिक रूप से पेड़ों से ढंके हुए एरिया के लिए किया जाता है।