पुलिस के आंकड़ों पर नजर डाले तो एक महीने में 100 से अधिक किशोरियां प्रेम जाल मे फंसकर अपने घर की दहलीज छोड़ चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक, जिले से रोजाना तीन से चार लड़कियां मां-बाप को बिना कुछ बताए घरों की दहलीज छोड़ रही हैं। यह काफी भयावह आंकड़ा है। इसके पीछे मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग काफी हद तक जिम्मेदार मानी जा रही है।