Somvati Amavasya 2023: हिंदू पंचांग में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं। इनमें से अमावस्या भी एक है। इस तिथि को अन्य सभी तिथियों से अधिक महत्व दिया जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इस तिथि से कई मान्यताएं और परंपराएं भी जुड़ी हैं।
Vikram Samvat 2080: पंचांग के अनुसार, एक हिंदू वर्ष में 12 महीने होते हैं। इनमें से फाल्गुन मास अंतिम होता है। फाल्गुन मास होलिका दहन पर समाप्त हो जाता है। इसके दिन बाद हिंदू नववर्ष शुरू होता है, जिसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।
Hindu Tradition: हिंदू धर्म में तिलक लगाना एक अनिवार्य परंपरा हुआ करता था, लेकिन समय के साथ अब सिर्फ खास मौकों पर ही तिलक लगाया जाता है। तिलक से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हमारे समाज में प्रचलित है।
Somvati Amavasya 2023: धर्म ग्रंथों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। जब ये तिथि सोमवार को होती है तो इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस बार 20 फरवरी को साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है।
Aaj Ka Panchang: 20 फरवरी, सोमवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से शुभ और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इनके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
वर्तमान में भविष्य जानने की कई विधाएं प्रचलित हैं, इनमें से अंक शास्त्र भी एक है। अंक शास्त्र वैसे तो काफी पुराना है, लेकिन पिछले कुछ समय से ज्यादा प्रचलन में आया है। इसका मुख्य आधार डेट ऑफ बर्थ यानी जन्म तारीख है।
आज (20 फरवरी, सोमवार) फाल्गुन मास की अमावस्या है। सोमवार को अमावस्या होने से ये सोमवती अमावस्या कहलाएगी। सोमवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से शुभ और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे।
Holi 2023: होली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये पर्व 2 दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन रंग-गुलाल लगाकार होली खेली जाती है। इस बार होलिका दहन पर कई शुभ योग बन रहे हैं।
Ujjain Mahakal: शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में बताया गया है। इनमें से तीसरा ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है जिसे महाकालेश्वर के नाम से जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि के मौके पर खास परंपराओं का पालन किया जाता है।
Ujjain News: भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि पर इतिहास रचा गया। इस दिन शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के अंतर्गत शिप्रा तट पर एक साथ 18 लाख से अधिक दीपक जलाए गए, जो एक विश्व रिकार्ड है।