बजट 2023-24 (Budget 2023-24) में मोदी सरकार किसानों को कई बड़ी खुशखबरी दे सकती है। पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाला पैसा बढ़ाया जा सकता है। वहीं, किसान क्रेडिट कार्ड में भी बदलाव किए जा सकते हैं।
बजट 2023-24 में केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तर्ज पर मवेशी बीमा योजना की घोषणा कर सकती है। पालतू जानवर की मौत होने पर इससे किसानों को मुआवजा मिलेगा।
नदियों के पानी के बंटवारे के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि भारत को पाकिस्तान की मनमानी मंजूर नहीं है। बातचीत के लिए 90 दिन का मौका दिया गया है।
बजट 2023-24 (Rail Budget 2023) में रेलवे को करीब 2 लाख करोड़ रुपए अलॉट हो सकते हैं। 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की घोषणा हो सकती है। ऐसा होता है तो अगले 4-5 साल में रेलवे को वंदे भारत ट्रेन के कोच बनाने के लिए 70 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
अलग रेल बजट पेश करने की प्रथा 1924 में शुरू हुई थी। इसे 2017 में नीति आयोग की सिफारिश पर खत्म किया गया था। नीतीश कुमार ने फिर से अलग रेल बजट पेश करने की मांग की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस साल रेलवे को लेकर बजट में बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। रेलवे के बुनियादी ढ़ांचे के विकास और यात्री सुविधाओं को लेकर बड़े प्रोजेक्ट्स लाए जा सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के काजीगुंड भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पुलिस की व्यवस्था ठप्प हो गई थी। कल-परसों ऐसा नहीं होना चाहिए। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि भीड़ नियंत्रण और पुलिस के रोल को गारंटी करें।
मेघालय विधानसभा चुनाव (Meghalaya Assembly election) के लिए कांग्रेस ने 55 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। यहां विधानसभा की 60 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 31 है। बड़ी संख्या में नए चेहरों को मौका दिया गया है। विन्सेंट पाला सैपुंग से चुनाव लड़ेंगे।
वाममोर्चा त्रिपुरा के 60 में से 47 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वाममोर्चा और कांग्रेस ने गठबंधन किया है। वाममोर्चा ने चुनाव मैदान में 24 नए चेहरों को उतारने का फैसला किया है।
नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत काल में गुलामी की हर निशानी से मुक्ति का आह्वान किया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित परेड में भी इसका असर दिखा। अंग्रेजों के तोपों से अब तक सलामी दी जाती थी उनके बदले भारतीय तोपों का इस्तेमाल किया गया।