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Republic Day 2023 : दुश्मन पर कहर बनकर टूटती हैं Indian Army की ये 7 गाड़ियां, गोला-बारुद, ग्रेनेड तक का असर नहीं

ऑटो डेस्क : भारत आज 74वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) मना रहा है। कर्तव्यपथ पर दुनिया ने हिंदुस्तान की ताकत देखी है। भारतीय सेना (Indian Army) के पास अत्याधुनिक तकनीक से लैस कई बख्तरबंद गाड़ियां रही हैं, जो ताकत बनकर उभरीं। Photos में खूबियां.. 

4 Min read
Satyam Bhardwaj
Published : Jan 26 2023, 04:12 PM IST| Updated : Jan 26 2023, 04:18 PM IST
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Image Credit : Google

Mahindra MPV-I 
ये एक माइन-प्रोटेक्टेड व्हीकल-I (MPV-I) एक स्पेशलिस्ट ऑफ-रोड व्हीकल है, जिसे माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) टाइप आर्मर्ड पर्सनेल कैरियर के तौर पर यूज किया जाता है। इसमें 230hp की क्षमता का डीजल इंजन लगाया गया है। ये गाड़ी ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम से लैस है। इसका मतलब इसके सभी पहियए इंजन पावर देता है, जो खराब से खराब रास्तों पर भी दौड़ सकती है। बैलिस्टिक और माइन प्रोटेक्शन तकनीक से लैस यह वाहन CEN लेवल B6 की साइड सुरक्षा और स्टैंग लेवल 4A तक ब्लास्टिक सेफ्टी भी देता है। 90 डिग्री पर 10 मीटर की दूरी से 7.62X51mm, 5.56mm, और 7.62mm साइज के एमिनेशन बॉल का सीधा सामना यह वाहन कर सकता है। भारी गोलीबारी, बम ब्लास्ट या माइन ब्लास्ट तक को ये वाहन आसानी से झेल सकता है।

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Image Credit : Google

Kalyani M4
कल्याणी एम4 को हाल ही में इंडियन आर्मी में शामिल किया गया है। लद्दाख सीमा पर भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के दौरान ही सेना ने इसका ऑर्डर दिया था। भारत में बनी यह एक आर्मड गाड़ी है। इस गाड़ी को भारतीय सेना की विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तैयार किया गया है। उबड़-खाबड़ इलाकों में बेहद स्पीड के साथ यह चल सकती है। लैंड माइनिंग 50khs तक टीएनटी या आईईडी ब्लास्ट तक को झेल सकती है। इसकी टॉप स्पीड करीब 140 किमी प्रति घंटा है। यह 2.3 टन तक का भार उठा सकती है। एक्स्ट्रैक्शन और जवानों को बेहतर सुरक्षा देने के लिए तैयार इस वाहन को बनाया गया है। इसका वजन 16,000 किलोग्राम है। यह 900 मिमी तक पानी में उतारा जा सकता है।

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Image Credit : Google

Mahindra ALSV
महिंद्रा आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (ALSV) बैलिस्टिक सुरक्षा देने के साथ आर्मी के लिए कई विशिष्ट सुविधाओं के साथ आता है। इस वेहिकल में एक गन हैच, रन-फ्लैट सिस्टम, टायर इन्फ्लेशन सिस्टम, एयर फिल्ट्रेशन और स्कैवेंजिंग सिस्टम जैसे फीचर्स हैं। वाहन में 3.2 लीटर की क्षमता का 6 सिलेंडर टर्बो डीजल इंजन लगाया गया है। यह 215bhp की पीक पावर और 500Nm का टार्क जेनरेट करता है। इसमें 6 से 8 लोग बैठ सकते हैं और इसकी पेलोड कैपिसिटी 1000 किलोग्राम की है। इस गाड़ी का वजन 2,500 किलोग्राम है।

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Mahindra Marksman
यह भी एक लाइटवेट आर्मड कैरियर व्हीकल है। 7.62 मिमी गोला बारूद और 2X डीएम 51 ग्रेनेड से यह सुरक्षा देता है। दो डीएम 51 हथगोले के विस्फोट को भी मार्क्समैन आसानी से झेल सकता है। इस वाहन में एक कपोला बुर्ज मशीन गन भी मिलता है, जो 270-डिग्री में फायर कर सकता है। इसका इस्तेमाल इमरजेंसी में एक जगह से दूसरी जगह जाने में सेना करती है। इसमें 2.2-लीटर mHawk डीजल इंजन लगाया गया है, जो 120bhp की पावर और 280Nm का टॉर्क जेनरेट करता है।
 

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Nissan Jonga
ये गाड़ी अब इंडियन आर्मी से रिटायर हो चुकी है। यह दूसरे विश्व युद्ध के समय की आर्मी व्हीकल है। जबलपुर ऑर्डनेंस एंड गन-कैरिज असेंबली का एक संक्षिप्त नाम जोंगा है। इसी नाम पर इस वाहन का नाम पड़ा। इसमें 4.0 लीटर, 6 सिलिंडर इन-लाइन पेट्रोल इंजन है। इसमें 222 एमएम का ग्राउंड क्लीयरेंस कंपनी ने दिया है जो भारी से भारी वजन उठाकर हर तरह के रास्तों पर दौड़ सकती है। इसका इंजन 145hp की पावर और 330Nm का टॉर्क जेनरेट करता था। भारतीय सेना में जोंगा का इस्तेमाल एम्बुलेंस, गश्ती वाहन, बंदूक वाहक और सेना के जवानों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में होती थी।

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Maruti Suzuki Gypsy
साल 1991 में इंडियन ऑर्मी ने पहली बार मारुति सुजुकी को जिप्सी मॉडल का ऑर्डर दिया था। आर्मी में आने के बाद ये एसयूवी काफी फेमस हो गई। पहले 1.0 लीटर और बाद में 1.3 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ इसे पेश किया गया था। इसमें 4-स्पीड और 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन गियरबॉक्स कंपनी ने दिया था। करीब 15 साल तक आर्मी का साथ निभाने के बाद इसे डिस्कंटीन्यू किया गया।
 

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Tata Safari GS800
इसे जिप्सी का रिस्पलेमेंट बताया जाता है। टाटा सफारी का इस्तेमाल सेना और वरिष्ठ अधिकारी करते हैं। सफारी के आर्मी वर्जन को सेना के उपयोग के हिसाब से तैयार किया गया है। यह करीब 70% ज्यादा पावर और 200% ज्यादा टॉर्क जेनरेट करता है। टाटा ने इसके स्टैंडर्ड मॉडल को इस तरह बनाया है ताकि इसे ऊंचाई , बर्फीले क्षेत्रों और दलदली भूमि पर ले जाने में कोई परेशानी न हो।

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About the Author

SB
Satyam Bhardwaj
सत्यम भारद्वाज। 2017 से जर्नलिज्म की फील्ड में काम कर रहे हैं, 8 साल का अनुभव। अक्टूबर 2021 से एशियानेट न्यूज हिंदी से जुड़कर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है। पॉलिटिकल न्यूज, नेशनल न्यूज, बिजनेस-टेक और ऑटो, क्राइम और फीचर स्टोरीज में खास इंट्रेस्ट है। अलग-अलग मीडिया इंस्टीट्यूशन और कई पब्लिक रिपोर्ट्स बनाने का अनुभव।

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